how do people get kidney stones: किडनी स्टोन कोई अचानक होने वाली समस्या नहीं है यह धीरे-धीरे लाइफस्टाइल और डाइट की गड़बड़ी से बनती है। जानें किन शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें और पहचान करें कि ये कैसे बनता है।

किडनी स्टोन (kidney stones) आज के समय में एक बेहद आम समस्या बन चुकी है। तेज रफ्तार भरी लाइफस्टाइल, कम पानी पीना, जंक फूड और ज्यादा नमक का सेवन इसके प्रमुख कारण हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये छोटी-सी पथरी धीरे-धीरे किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है? आइए जानते हैं, किडनी स्टोन कैसे बनती है? इसके शुरुआती संकेत क्या हैं और वक्त रहते जल्दी कैसे पहचानें।

किडनी स्टोन क्या है? (how do people get kidney stones)

किडनी का काम शरीर से वेस्ट पार्ट और एक्स्ट्रा मिनरल (minerals) को निकालना होता है। जब शरीर में कैल्शियम, ऑक्सलेट, यूरिक एसिड या फॉस्फेट जैसे मिनरल्स का लेवल बढ़ जाता है, तो ये मूत्र (urine) में इकट्ठे होकर कठोर क्रिस्टल या स्टोन (पथरी) का रूप ले लेते हैं। ये स्टोन रेत के कण जितने छोटे या कंकड़ जितने बड़े हो सकते हैं। अगर ये स्टोन यूरीनरी ट्रैक (urinary tract) में फंस जाए, तो तेज दर्द और इंफेक्शन का कारण बनता है।

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किडनी स्टोन बनने की प्रक्रिया (how do kidney stones form)

  • जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो यूरिन गाढ़ा हो जाता है और उसमें मौजूद मिनरल्स जमा होने लगते हैं।
  • ये मिनरल्स धीरे-धीरे छोटे क्रिस्टल बनाते हैं।
  • क्रिस्टल आपस में जुड़कर बड़े टुकड़े यानी स्टोन बना लेते हैं, जो किडनी की दीवार से चिपक सकते हैं।
  • जैसे-जैसे स्टोन मूत्रमार्ग से नीचे की ओर बढ़ता है, वैसे-वैसे दर्द और ब्लॉकेज की संभावना बढ़ती है।

किडनी स्टोन के शुरुआती लक्षण (Early Symptoms of Kidney Stone)

  • कमर या पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द बीच-बीच में आता-जाता है।
  • पेशाब करते समय जलन या रुक-रुक कर पेशाब आते में दर्द होना।
  • मूत्र का रंग बदलना जैसे लाल, भूरे या धुंधले रंग का मूत्र आना।
  • बार-बार पेशाब की इच्छा होना, लेकिन बहुत कम मात्रा में पेशाब निकलना।
  • उल्टी या मिचली महसूस होना।
  • अगर इंफेक्शन हो तो बुखार और ठंड लगना।

किडनी स्टोन के प्रकार (Types of Kidney Stones)

  1. कैल्शियम ऑक्सलेट स्टोन (Calcium Oxalate Stones) - सबसे नॉर्मल टाइप, जो नमक और ऑक्सलेट से बनते हैं।
  2. यूरिक एसिड स्टोन (Uric Acid Stones) – रेड मीट और प्रोटीन ज्यादा खाने से बनते हैं।
  3. स्ट्रुवाइट स्टोन (Struvite Stones) – यूटीआई (UTI) के कारण बनने वाले स्टोन।
  4. सिस्टीन स्टोन (Cystine Stones) – जेनेटिक कारणों से बनने वाले दुर्लभ स्टोन।

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किडनी स्टोन का पता कैसे लगाएं (Diagnosis Methods of Kidney Stones)

  • Urine Test (मूत्र जांच): इसमें क्रिस्टल्स, ब्लड या इंफेक्शन की उपस्थिति जांची जाती है।
  • Ultrasound या CT Scan: इससे स्टोन का साइज और लोकेशन पता चलता है।
  • X-Ray (KUB): यह पेट और किडनी के हिस्से में स्टोन की पोजिशन दिखाता है।
  • Blood Test: शरीर में कैल्शियम और यूरिक एसिड का स्तर जांचने के लिए किया जाता है।

किडनी स्टोन से बचाव के उपाय (Kidney Stones Prevention Tips)

  • सबसे पहले तो हर दिन 3-4 लीटर पानी पिएं, ताकि यूरिन साफ और पतला रहे।
  • नमक और चीनी कम करें।
  • पालक, चॉकलेट और नट्स का सेवन सीमित करें। इनमें ऑक्सलेट अधिक होता है।
  • ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन से बचें। खासतौर पर रेड मीट से बचें।
  • नींबू पानी और नारियल पानी पीना शुरू करें, यह नेचुरल डिटॉक्स का काम करता है।
  • नियमित फिजिकल एक्टिविटी बनाए रखें ताकि मिनरल्स शरीर में संतुलित रहें।