Late-night sugar cravings causes: हर रात मिठाई खाने की आदत हैं, तो इसे हल्के-फुल्के संकेत न समझें यह आपके शरीर की जरूरत और मानसिक तनाव का अलर्ट हो सकता है। जानें कैसे ये धीरे-धीरे ये आदत शरीर को कर रही बर्बाद।
लोग अक्सर रात के खाने के बाद कहते हैं कि थोड़ा मीठा खाना चाहिए। या फिर आप भी कई बार खुद को आइसक्रीम, मिठाई या चॉकलेट के पैकेट की ओर खींचते देखते हैं। लेकिन अगर यह आदत रोजाना की बन जाए? तो यह सिर्फ एक स्वाद की चाहत नहीं, बल्कि आपकी बॉडी की कंडीशन का एक बड़ा संकेत हो सकती है। जी हां, न्यूट्रिशनिस्ट अंजली मुखर्जी का कहना है कि यह deeply ingrained habit यानी एक गहरी आदत हो सकती है और इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। एक स्टडी में पाया गया है कि लगातार मीठा खाने की चाह डिप्रेशन या तनाव कम करने की कोशिश हो सकती है या कैल्शियम की कमी भी इसका कारण बन सकती है।
क्यों होती है रात में मीठे की चाहत?
तनाव या मेंटल थकावट: दिनभर की चुनौतियों और मानसिक तनाव के बाद हमारा मस्तिष्क एक क्विक एनर्जी बूस्ट चाहता है। मिठाई तुरंत शुगर स्तर बढ़ाकर मूड को बेहतर करने का काम करती है लेकिन यह कुछ टाइम की राहत होती है।
कैल्शियम या अन्य पोषक तत्वों की कमी: अंजली का मानना है कि लगातार रात में मिठाई की चाह के पीछे कैल्शियम की कमी भी हो सकती है। शरीर मीठे को एक आसान ऑप्शन के रूप में मांगता है ताकि एनर्जी के साथ-साथ कुछ ताकत भी मिल जाएं।
और पढ़ें - दिवाली से 10 दिन पहले शुरू करें ये ग्लो डाइट, बिना मेकअप आएंगे निखार
ब्लड शुगर अस्थिरता: दिनभर में आनियमित भोजन, कार्बोहाइड्रेट ज्यादा या कम भोजन लेने से ब्लड शुगर लेवल घट सकता है। इससे रात होते-होते शरीर इसे सुधारने के लिए मीठे की मांग करता है।
आदत का असर: यदि आप रोज मिठाई खाते हैं, तो आपके टेस्ट बड्स और दिमाग उसे एक रूटीन मान लेते हैं। धीरे-धीरे वह क्रेविंग स्थायी हो सकती है। इस आदत को धीरे-धीरे बदलना जरूरी है।
नाइट स्वीट क्रेविंग कितनी खतरनाक?
- लगातार मीठा खाने से मधुमेह (diabetes), मेटाबॉलिक सिंड्रोम, और हार्ट संबंधी रोगों का जोखिम बढ़ता है।
- ये क्रेविंग्स समय के साथ वजन बढ़ने का कारण बन सकती हैं।
- ज्यादा शुगर लेने से दांतों को खराब, त्वचा में मुहांसे आदि भी हो सकते हैं।
- इस आदत को नियंत्रित न करने पर लाइफस्टाइल डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।
और पढ़ें - सुबह की ये 5 आदतें बना देंगी आपके बालों को नेचुरली स्ट्रॉन्ग और शाइनी
स्वीट क्रेविंग की आदत को कैसे बदलें?
अंजली की सलाह यह है कि बदलाव को एकदम कट्टर रूप से न लाएं, बल्कि धीरे-धीरे अपनी दिनचर्या में सुधार करें। यदि आप हर दिन मिठाई खाते हैं शुरुआत में इसे सप्ताह में एक दिन तक सीमित करें। फिर इस प्लान को आगे बढ़ाकर पंद्रह दिन में एक बार करें। अगर आप नॉर्मल या मीडियम वजन पर हैं और महीने में एक मिठाई से संतुष्ट हैं, तो यह एक संभव संतुलन हो सकता है बशर्ते कि आप अन्य हेल्दी आदतों का पालन करें। ज्यादा वजन या मोटापे की स्थिति में डेसर्ट पर पूरी तरह से नियंत्रण रखें, और ध्यान दें कि आपकी पूरी डाइट बैलेंस्ड हो।
