सार

ब्रेन स्कैन का उपयोग करके वैज्ञानिकों ने हाल ही में डिप्रेशन के 6 उपप्रकारों का खुलासा किया है। वैज्ञानिकों की उम्मीद है कि उनकी खोज से डिप्रेशन के इलाज में काफी मदद मिलेगी।

हेल्थ डेस्क: आज के समय में हम लोग जितना अपनी फिजिकल हेल्थ को लेकर सजग रहते हैं, उतनी ही सजकता हमें मेंटल हेल्थ को लेकर भी दिखानी चाहिए। यह मेंटल हेल्थ इंसान के दिमाग पर अटैक करती है और काफी गंभीर होती है। ऐसे में नेचर मेडिसिनट्रस्टेड सोर्स में प्रकाशित हुई एक रिसर्च में डिप्रेशन और चिंता को बेहतर ढंग से समझने के लिए ब्रेन स्कैन का उपयोग किया गया, जिसके चलते डिप्रेशन को 6 सब कैटेगरी में डिवाइड किया गया है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उनकी खोज से डिप्रेशन के उपचार को बेहतर करने में मदद मिलेगी।

दुनिया में कितने लोगों को है डिप्रेशन?

एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में 322 मिलियन लोग डिप्रेशन से प्रभावित है, यानी कि पूरी आबादी का 4.4 प्रतिशत। इसी तरह से चिंता से 260 मिलियन लोग प्रभावित हैं, जो कि पूरी आबादी का 3.6% है। इसकी व्यापकता के बावजूद मानसिक स्थितियों के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होती है और जब यह गंभीर रूप ले लेता है, तब जाकर इसके बारे में समझ में आता है। फिलहाल डिप्रेशन या तनाव के उपचार में दवा या साइकेट्रिस्ट से बातचीत शामिल है, जो कुछ लोगों के लिए काफी प्रभावित भी होती है।

कितने प्रकार का होता है डिप्रेशन

हाल ही में हुई एक रिसर्च में डिप्रेशन और चिंता से पीड़ित 801 प्रतिभागियों को भर्ती किया गया। जिनका fMRI किया गया। वैज्ञानिकों ने यह स्कैन दो बार के एक बार, जब यह प्रतिभागी आराम कर रहे थे और एक बार जब कॉग्निटिव या इमोशनल काम कर रहे थे। मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग करके प्रतिभागियों के दिमाग की गतिविधि को 6 अलग-अलग बायो टाइप में डिवाइड किया गया है। इसके बाद वैज्ञानिकों ने ढाई सौ प्रतिभागियों का एक उप समूह बनाया, जिन्हें एंटी डिप्रेसेंट या टॉकिंग थेरेपी देने के लिए बांटा गया। इस तरह वह यह निर्धारित कर पाए की अलग-अलग बायो टाइप के लिए किस तरह के उपचार की जरूरत होती है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिप्रेशन के ये 6 बायो टाइप भविष्य में इसके इलाज में काम आ सकते हैं। उन्होंने कहा हमें उम्मीद है कि यह अध्ययन न केवल अन्य बायो टाइप बल्कि उपचार की एक विस्तृत श्रृंखला का पता लगाने में भी मददगार होगा। बता दें कि डिप्रेशन एक ऐसी गंभीर समस्या आज के दौर में बन गई है, जिससे अमेरिका में हर पांच में से एक इंसान ग्रसित है। वहीं, भारत में भी इसके गंभीर प्रभाव नजर आ रहे हैं। ऐसे में डिप्रेशन से बचने के लिए दवा के अलावा काउंसलिंग और माइंडफूलनेस एक्टिविटी या मेडिटेशन करना बहुत जरूरी है।

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