PCOS Reasons in Modern Lifestyle: आज के समय में PCOS की समस्या हर दूसरी महिला में देखी जा रही है। पहले के समय में ये हमारी दादी-नानी को ये दिक्कत नहीं थी, लेकिन आज के समय में हर दूसरी महिला को PCOS हैं, चलिए जानते कारण।

PCOS Today vs Past Difference: आजकल हर दूसरी लड़की या औरत PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) से जूझ रही है। डॉक्टरों के अनुसार यह महिलाओं में होने वाली सबसे कॉमन हार्मोनल प्रॉब्लम बन गई है, जिससे छोटी से लेकर बड़ी हर दूसरी महिला परेशान है। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि हमारी दादी-नानी के समय में यह समस्या बेहद रेयर हुआ करती थी, यहां तक की बहुत सी दादी-नानी को इसके बारे में पता ही नहीं कि ये भी कोई बीमारी है। लेकिन आज के समय में आखिर ऐसा क्या बदला कि कुछ दशकों में ही यह स्थिति इतनी बिगड़ गई? कि हर दूसरी महिला इससे परेशान है। प्रशांत देसाई ने इस समस्या का बहुत सुंदर जवाब हमारे डेली रूटीन और लाइफ स्टाइल को हमारी दादी-नानी से कंपेयर करते हुए बताया है, चलिए जानें।

घर का ताजा खाना

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हमारी दादी-नानी हमेशा घर पर बना हुआ ताजा और पौष्टिक खाना खाती थीं। प्रोसेस्ड फूड, पैकेट वाला स्नैक्स, फ्रोजन आइटम्स या स्ट्रीट फूड उनके खाने का हिस्सा नहीं थे। उनके भोजन में दाल, सब्जी, चपाती और सीजनल फल शामिल होते थे। वहीं आज की पीढ़ी पैकेट वाले चिप्स, मैगी, पिज्जा-बर्गर और कोल्ड ड्रिंक्स की आदी हो चुकी है। ऐसे अनहेल्दी खाने से बॉडी में इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है, जो PCOS का सबसे बड़ा कारण है।

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एक्टिव लाइफस्टाइल

दादी-नानी का पूरा दिन फिजिकल एक्टिविटी से भरा होता था। चाहे घर का काम करना हो, खेतों में मेहनत करना हो या घर-आंगन की सफाई-उनकी बॉडी हमेशा मूवमेंट में रहती थी। आज के समय में हमारी लाइफस्टाइल बिल्कुल उलट हो चुकी है। घंटों लैपटॉप और मोबाइल पर बैठना, ऑफिस का वर्कलोड और जिम न जाने का बहाना-यह सब सेडेंटरी लाइफस्टाइल हार्मोनल बैलेंस बिगाड़ देती है।

शक्कर का सीमित

पुराने समय में मिठाई या शक्कर का सेवन सिर्फ त्योहारों, शादियों या खास मौकों पर किया जाता था। लेकिन आज के समय में केक, चॉकलेट, डेजर्ट और मीठे ड्रिंक्स रोजाना की आदत बन गए हैं। ज्यादा चीनी खाने से इंसुलिन लेवल बढ़ता है, जिससे ओवरी पर सिस्ट बनने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

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सोशल लाइफ का होना

दादी-नानी के पास मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर जैसी स्क्रीन नहीं थी। उनका दिन सूरज की रोशनी और नेचर के बीच गुजरता था। वे परिवार और दोस्तों के साथ बातें करतीं, हंसती-खेलती और मानसिक रूप से खुश रहती थीं। जबकि आज का समय डिजिटल स्क्रीन, सोशल मीडिया स्ट्रेस और लेट नाइट स्लीपिंग पैटर्न से भरा हुआ है, जो हार्मोनल डिसबैलेंस और PCOS को ट्रिगर करता है।

केमिकल-फ्री खाना

पुराने जमाने में सब्जियां और फल सीधे खेत से तोड़े जाते थे। उनमें ना पेस्टिसाइड्स होते थे, ना ही आर्टिफिशियल फर्टिलाइजर। यहां तक कि स्किनकेयर के लिए भी दादी-नानी सिर्फ घरेलू नुस्खे अपनाती थीं। वहीं आज हमारे खाने-पीने की चीजों में केमिकल्स, प्रिजर्वेटिव्स और हार्मोन इंजेक्शन तक शामिल हो चुके हैं। यही वजह है कि आज के समय में महिलाओं के हार्मोन असंतुलित होने लगे हैं।