सार

क्या आप भी किसी टॉक्सिक रिलेशनशिप से गुजर रहे हैं या रिसेंटली ब्रेकअप झेला है? तो हम आपको बताते हैं कि कैसे आप पॉजिटिवली इसे हैंडल कर सकते हैं।

रिलेशनशिप डेस्क: किसी भी रिलेशनशिप में लड़ाई झगड़े होना आम बात है, लेकिन जब ये लड़ाई झगड़े हद से ज्यादा बढ़ जाए और पार्टनर ओवरप्रोटेक्टिव होने लगे तो यह रिलेशनशिप टॉक्सिक हो जाता है और कई बार टॉक्सिक रिलेशनशिप में इतनी नेगेटिविटी आ जाती है कि इंसान अपनी जिंदगी को खत्म कर लेता है। कुछ ऐसा ही हाल ही में केरल की एक महिला के साथ हुआ। 26 वर्षीय अथिरा ने अपने पूर्व प्रेमी के साइबर धमकी देने के बाद आत्महत्या कर ली। दरअसल, कुछ साल पहले अरुण ने शादी के लिए अथिरा के माता-पिता से संपर्क किया, लेकिन लड़की के मां-बाप ने इस रिश्ते को ठुकरा दिया। 1 साल पहले दोनों का ब्रेकअप हो गया था, लेकिन उसके बाद उनका रिलेशनशिप और ज्यादा टॉक्सिक हो गया और अरुण अथिरा को सोशल मीडिया वेबसाइट पर ब्लैकमेल करने लगा और इसके बाद अथिरा ने तंग आकर अपनी जान दे दी।

आत्महत्या के बारे में क्यों विचार आते हैं?

ब्रेकअप और टॉक्सिक रिलेशनशिप को लेकर हाल ही में एशियानेट न्यूज ने मनोवैज्ञानिक प्रिया वर्गीज से बात की, जिन्होंने टॉक्सिक रिलेशनशिप और ब्रेकअप्स से बचने के कुछ टिप्स शेयर किए और यह क्यों होता है इस बारे में भी बताया। प्रिया वर्गीज ने बताया कि आत्महत्या का विचार सभी लोगों के मन में नहीं आता है। आप देखेंगे कि आवेगी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति को इस तरीके के विचार ज्यादा आते हैं। जब कोई समस्या आती है तो वह अपने जीवन को समाप्त करने के बारे में विचार करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह समस्याओं से निपटने की उनकी क्षमता से परे है। एक्सपर्ट ने बताया कि हम उन्हें दोष नहीं दे सकते, क्योंकि वे कई जीवन घटनाओं के परिणामस्वरूप इस व्यक्तित्व में विकसित होते हैं। कभी-कभी उनकी पारिवारिक परिस्थितियां कुछ ऐसी होती है या उनका पालन पोषण ऐसा होता है कि वह अपने आपको चुनौतियों से लड़ने के लिए मजबूत नहीं समझते हैं और मुसीबतों से लड़ने के जगह वो जीवन को समाप्त करने को ज्यादा सरल मानते हैं।

क्या होती है बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी

एक्सपर्ट प्रिया वर्गीज ने बताया कि आत्महत्या के विचारों पर चर्चा कर रहे हैं, तो यहां पर बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी के बारे में बात करना बहुत जरूरी है। बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी वाले व्यक्ति बहुत ज्यादा संवेदनशील होते हैं। कभी-कभी वो यह सोचते हैं कि दूसरे उनके खिलाफ है और जब यह बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर ज्यादा बढ़ जाता है तो वह आत्महत्या का विचार करने लगते हैं। ऐसे लोग कभी-कभी दवा की मांग भी कर सकते हैं। अधिकांश बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी वाले व्यक्तियों में एकांत में रहना, दूसरों से अलग-थलग रहना, घर में चल रहे मुद्दों से परेशान होना, सहायता की कमी जैसे लक्षण नजर आते हैं।

क्या होती है डायलेक्टल बिहेवियर थेरेपी (DBT)

एक्सपर्ट प्रिया वर्गीज ने बताया कि बॉर्डरलाइन व्यक्तित्व विकार के इलाज के लिए डायलेक्टल बिहेवियर थेरेपी (DBT) का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें लोगों को उनकी क्षमता के अनुसार राजी करना, उन्हें यह विश्वास दिलाना कि आप मूल्यवान है और आपका अस्तित्व मूल्यवान है। ऐसे व्यक्तियों के अंदर मूल्य की भावना विकसित करना शामिल होता है, ताकि वह अपने जीवन को समाप्त करने पर विचार नहीं करें और खुद को अकेला महसूस नहीं करें। उन्हें खुद से प्यार करना सिखाया जाता है। डीबीटी इस तकनीक का इस्तेमाल करता है। एक्सपर्ट ने अरुण अथिरा केस का उदाहरण लेते हुए कहा कि अगर दोनों ने सोचा होता कि हमारी जिंदगी यहीं खत्म नहीं हो जाती, आगे मेरी जिंदगी खूबसूरत है, तो वो ऐसा कदम नहीं उठाते।

रिलेशनशिप टॉक्सिक क्यों होता है और ब्रेकअप क्यों होते हैं

ब्रेकअप का एक कारण परिवार की अस्वीकृति भी हो सकती है। कभी-कभी ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि 2 लोग एक साथ रिलेशनशिप में नहीं रह सकते, इसलिए दोनों अलग हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त टॉक्सिक रिलेशनशिप और ब्रेकअप का एक कारण संदेह यानी कि शक भी है। अपने साथी पर संदेह करना एक खतरनाक स्थिति है जो किसी भी रिलेशनशिप को टॉक्सिक बना सकती है और आप में ओवर पजेसिव नेचर डिवेलप कर सकती हैं। ऐसे रिलेशनशिप से निकलना बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि ऐसे लोग बहुत जल्दी गुस्से में आ जाते हैं और वह इस बात की परवाह नहीं करते की इससे आपके जीवनसाथी पर क्या असर पड़ेगा। ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि हमें इस सब के बारे में स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए, ताकि हम खुद को कई समस्याओं से बचा सकें।

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