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शादीशुदा कपल्स के बीच लड़ाई सेहत के लिए फायदेमंद, स्टडी में हैरान करने वाला खुलासा
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मौत आने तक हम साथ रहेंगे…इस लाइन का एक नया अर्थ हो सकता है। मतलब किसी का साथ हो जाना हेल्थ के लिए कितना जरूरी है ये एक स्टडी में सामने आयाहै। एक नई स्टडी में पता चला है कि शादीशुदा रिश्ता भले ही आदर्श ना हो, लेकिन यह व्यक्ति के ब्लड शुगर को कम रखने में मदद कर सकती है।बीएमजे ओपन डायबिटीज रिसर्च एंड केयर जर्नल में सोमवार को प्रकाशित स्टडी से पता चला है कि लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप में होना चाहे वो पॉजिटिव हो या फिर निगेटिव, व्यक्ति के ब्लड शुगर के लेबल को प्रभावित करता है।
स्टडी की लेखिका कैथरीन फोर्ड (Katherine Ford) ने कहा कि,'मैं अनुमान लगाती हूं कि शादी और लिव इन में लंबे समय तक रहने के लिए इमोशनल इन्वेस्टमेंट की जरूरत होती है। इस प्रकार के रिलेशनशिप का अर्थ हैं इसमें अगर कुछ नुकसान होता है तो हेल्थ पर इसका असर पड़ सकता हैं। जैसे की औसत ब्लड शुगर के लेबल पर।
स्टडी में 50 से 89 साल के उम्र के 3,335 लोगों को शामिल किया गया। जिन्होंने 2004 से 2013 तक जिनमें डायबिटीज को डिटेक्ट नहीं किया गया उनमें देखा गया कि क्या रिश्ते में होने से उनके ब्लड शुगर पर असर पड़ा है। प्रयोग के समय करीब 76 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे पार्टनर के साथ रह रहे थे या शादीशुदा थे। उनसे संबंधों में तनाव के लेबल को भी पूछा गया था।
शोध में शामिल प्रतिभागी हर साल ब्लड शुगर मापने वाले सामान्य परीक्षण HbA1c के लिए हर साल नर्स से मुलाकात किए। फिर रिपोर्ट को देखते हुए वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला कि संबंध में होने से तनाव चाहे जो भी हो, व्यक्ति के ब्लड शुगर को कम रखने की प्रवृत्ति होती है। शोध में देखा गया कि पति-पत्नी के बीच तनाव के आयाम कुछ भी ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। इसी तरह, इन संबंधों को पूर्व-मधुमेह सीमा से ऊपर एचबीए 1 सी के स्तर के खिलाफ एक सुरक्षात्मक प्रभाव दिखाई दिया।
शोध में देखा गया कि अधिक बिगड़ते ग्लाइसेमिक इंडेक्स पुराने वयस्कों के वैवाहिक संक्रमण से जुड़े।यह पहला अध्ययन नहीं है जो दर्शाता है कि विवाह वास्तव में किसी व्यक्ति के शरीर पर एक पॉजिटिव एनर्जी है।2016 के हार्वर्ड-आधारित अध्ययन में, यह दिखाया गया था कि विवाहित लोग कम जोखिम लेते हैं, बेहतर खाते हैं और स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखते हैं।
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