सार
महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन ( estrogen hormone) कई तरह की भूमिका निभाती है। स्तनों के विकास से लेकर प्रजनन तक इस हार्मोन की वजह से संभव हो पाता है। महिलाओं के साथ-साथ हर पुरुष को यह जानना जरूरी है कि एस्ट्रोजन के घटने और बढ़ने से क्या होता है।
हेल्थ डेस्क. एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं को पुरुषों से अलग बनाता है। इसे सेक्स हार्मोन भी कहा जाता है। यौन और प्रजनन हेल्थ के लिए इसका सही होना बहुत ही जरूरी होता है। महिलाओं के शारीरिक विकास में मसलन ब्रेस्ट के डेवलपमेंट भी इसी हार्मोन की वजह से होता है। इसका घटना और बढ़ना महिलाओं को कई तरह से प्रभावित करता है। मेनोपॉज (menopause) के दौरान महिलाओं में यह हार्मोन काफी गिर जाता है। जिसकी वजह से वो सेक्स को लेकर रूची खो देती हैं। आइए जानते हैं इस हार्मोन के बढ़ने और घटने से महिलाओं के अंदर क्या प्रभाव पड़ता है। पुरुषों को इसलिए जानना जरूरी है क्योंकि वो अपने पार्टनर को उस वक्त सही तरीके से संभाल पाएं और उन्हें समझ पाएं।
एस्ट्रोजन जब महिलाओं में असंतुलित हो जाता है तो इसका प्रभाव उनके पूरे शरीर पर पड़ता है। आइए जानते हैं Effects Of Estrogen Imbalance
पीरियड्स के दौरान हल्का या भारी ब्लीडिंग
पीरियड्स का नहीं होना या फिर अनियमित हो जाना
मेनोपॉज के लक्षण
ब्रेस्ट और ओवरी में गांठ का पड़ जाना
नींद नहीं आना, मूड स्विंग होना
तेजी से वजन बढ़ना
यौन इच्छा का कम हो जाना
डिप्रेशन, चिंता और थकान का होना
जब एस्ट्रोजन के लेवल महिलाओं में कम हो जाता है तो ये लक्षण नजर आते हैं
रात में पसीना आना,
अनियमित पीरियड
फोकस करने में दिक्कत होना
कमजोर हड्डियां
सोने में परेशानी
अनियमति पीरियड
थकान और मूड स्विंग
यौनी में सूखापन
ओव्यूलेशन के दौरान एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है
अगर महिलाओं में एस्ट्रोजन सामान्य रहता है तो ये तमाम चीजें नजर नहीं आती हैं। सेक्स के प्रति उनकी रूची बनी रहती है। मूड भी ठीक रहता है। पीरियड्स भी सही रहते हैं। ओव्यूलेशन के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर सामान्य से बढ़ जाता है। जिसकी वजह से शरीर गर्भावस्था के लिए खुद को तैयार करता है। जबकि पीरियड के दौरान यह गिर जाता है जो सामान्य है।
अच्छी लाइफस्टाइल फॉलो करके एस्ट्रोजन पर पाया जा सकता है काबू
वहीं, जवानी में एस्ट्रोजन का बढ़ना और मेनोपॉज के करीब आने पर इसका गिरना एक सामान्य प्रक्रिया है। वैसे तो इस हार्मोन का गिरना और बढ़ना एक लगा रहता है। लेकिन दिक्कत तब होती है जब इसका लेबल या तो बहुत ज्यादा गिर जाता है या फिर बहुत बढ़ जाता है। लैब में इसे माप कर डॉक्टर मेडिसीन देते हैं। ताकि महिलाओं का जीवन सामान्य चलता रहे। वैसे अच्छी लाइफस्टाइल और सही खानपान से एस्ट्रोजन को हमेशा सही रखा जा सकता है।
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