सार
महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर शिकार बनाता है। वक्त रहते अगर इसका पता नहीं चलता है तो ये जानलेवा हो जाता है। कुछ प्रोएक्टिव उपायों से इस कैंसर को रोक सकते हैं।
हेल्थ डेस्क.सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स में विकसित होता हैं। आमतौर पर इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं जिसकी वजह से वक्त पर इसके बारे में पता नहीं चल पाता है। अगर वक्त पर इसका इलाज नहीं किया तो यह जानलेवा हो जाता है। इसलिए हर महिला को शरीर में होने वाले परिवर्तनों के बारे में ध्यान देना चाहिए। ताकि सही वक्त पर सर्वाइकल कैंसर का पता चल सकें। बता दें कि वर्ल्ड कैंसर डे (World Cancer Day 2024) 4 फरवरी को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। आइए सर्वाइकल कैंसर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
सर्वाइकल कैंसर सिर्फ भारत में ही नहीं दुनिया भर की महिलाओं के लिए एक गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम है।यह कैंसर सर्विक्स सेल्स होता है जो यूट्रस का निचला हिस्सा हैं, जो वेजाइना से जुड़ता है। इसे कुछ लोग बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के रूप में भी जानते हैं। यह कैंसर एक स्पेशल तरह के एचपीवी, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के कारण होते हैं।
क्या है HPV
ह्यूमन पैपिलोमा वायरस(HPV) वायरस का एक समूह है, जिसके 100 से ज्यादा प्रकार है और लगभग 30 प्रकार लैंगिक क्षेत्र को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें से 14 कैंसर पैदा करने वाले हैं, जिन्हें हाई रिस्क एचपीवी के श्रेणी में रखा गया है। इस वायरस के दो प्रकार 70 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर और सर्वाइकल घावों का कारण बनते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 80% सेक्सुअल एक्टिव लोग अपने लाइफटाइम में कम से कम एक बार HPV संक्रमण के संपर्क में आते हैं। कुछ लोगों का यह जल्द ठीक हो जाता है। तो कुछ महिलाओं में यह कैंसर की वजह बन जाती है।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
वैसे तो सर्वाइकल कैंसर जब तक एडवांस स्टेज पर पहुंच नहीं जाता है तब तक कोई लक्षण नजर नहीं आते। लेकिन एडवांस स्टेज में यह यकृत, मूत्राशय, योनि, और मलाशय सहित शरीर के अन्य भागों में भी फैलने लगता है। जिसमें लक्षण दिखते हैं।
-असामान्य योनि (vaginal) रक्तस्राव
-योनि से असामान्य रूप से तरल पदार्थ निकलना
-बिना किसी वजह के वजन कम होना
-पेल्विक या पीठ के निचले हिस्से में असहनीय दर्द
-मल त्यागने में मुश्किल होना
सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचें
रेगुलर स्क्रीनिंग और वैक्सीन जरूरी:सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 20 साल से ज्यादा उम्र की सभी लड़कियों और महिलाओं को रेगुलर स्क्रीनिंग करना चाहिए। इससे सही वक्त पर इसका पता चल जाता है। वैक्सीन भी इस कैंसर को रोकने के लिए मौजूद है। इसलिए इसे भी महिलाओं और बच्चियों को जरूर लगाना चाहिए।
सेफ सेक्सुअल रिलेशनशीप: सर्वाइकल कैंसर एचपीवी और अन्य एसटीडी की वजह से होता है। इसलिए पार्टनर के साथ सेक्सुअल रिलेशनशिप बनाते वक्त सेफ्टी का ध्यान रखें। कंडोम जैसे उपायों का इस्तेमाल करें।
हेल्दी डाइट: स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन बिल्कुल ना करें। इम्यूनिटी को मजबूत करने वाला डाइट लें। फल, सब्जियां और होल ग्रेन डाइट में शामिल करें। वजन को कम करें और रेगुलर एक्सरसाइज करें।
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