सार
कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों में डिप्रेशन का खतरा बढ़ता जा रहा है। ज्यादातर लोग मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद के शिकार हो रहे हैं। इस दौरान लोग आत्महत्या भी करने लगे हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों में डिप्रेशन का खतरा बढ़ता जा रहा है। ज्यादातर लोग मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद के शिकार हो रहे हैं। इस दौरान लोग आत्महत्या भी करने लगे हैं। तनाव और चिंता के शिकार हर वर्ग के लोग हो रहे हैं। जहां पैसे वाले लोग लगातार घरों में रहने और काम-काज से दूर होने की वजह से तनाव और डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं, वहीं गरीब वर्ग के लोगों के पास आमदनी का कोई जरिया नहीं रह गया है। महानगरों में मेहनत-मजदूरी कर जीवन बसर करने वाले लोग वापस अपने गांवों में आकर बेकार हो गए हैं। उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है। जब कहीं से सहारे की कोई उम्मीद नहीं रहती और परिवार में कलह शुरू हो जाती है, तो बहुत से लोग इस दबाव को झेल नहीं पाते हैं और आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं। तनाव और चिंता से बचना इस समय बहुत जरूरी है। जानें इसके कुछ उपाय।
1. उम्मीद का दामन मत छोड़ें
चाहे जितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न आ जाए, उम्मीद का दामन कभी मत छोड़ें। मुसीबत के समय में जो इंसान संघर्ष करता है और अपना मनोबल बनाए रखता है, उसे कोई न कोई रास्ता मिल ही जाता है। इसलिए हमेशा यह सोचें कि मुसीबत सिर्फ आपके साथ नहीं है। दूसरे लोगों को भी इसका सामना करना पड़ रहा है। अगर आप परिस्थितियों से संघर्ष करेंगे तो समस्या का कोई समाधान जरूर मिलेगा।
2. जीवन के मोल को समझें
जीवन में चाहे कितनी भी परेशानी क्यों न आए, जिंदगी अनमोल होती है। तनाव, चिंता और निराशा भी जीवन के साथ ही है। सुख और दुख, दोनों ही जीवन के दो पहलू हैं। इसलिए दुख की परिस्थितियों में हिम्मत रखें। निराशा से कुछ भी हासिल नहीं होता। निराश होकर अगर कोई आत्महत्या जैसा कदम उठाता है, तो फिर कुछ भी बाकी नहीं बचता।
3. नौकरी गई तो दूसरा कोई काम मिलेगा
कोरोना संकट के दौरान अगर नौकरी चली गई हो और आमदनी का कोई जरिया नहीं रह गया हो तो परेशान होना स्वाभाविक है। लेकिन कोरोना की वजह से दुनिया का काम-काज पूरी तरह से बंद होने वाला नहीं है। हो सकता है, नौकरी जाने से आप और आपके परिवार को काफी परेशानी हो रही हो, लेकिन यह स्थिति हमेशा नहीं रहेगी। कोई दूसरी नौकरी मिलेगी या आप अपनी काबिलियत के हिसाब से कोई धंधा शुरू कर सकते हैं।
4. समस्याओं का करें मुकाबला
जीत उसी को मिलती है, जो संघर्ष करता है। जो पहले ही घबरा कर भाग खड़ा होता है, उसके लिए जीत या हार का कोई मतलब नहीं होता। आप समस्याओं का समाधान तभी कर सकते हैं, जब डट कर उनका मुकाबला करें। समस्या जितनी बड़ी हो, मुकाबला उतना ही कड़ा होगा। अब यह आप पर निर्भर करता है कि इस मुकाबले में कितना जोर लगा पाते हैं। संघर्ष करने पर काफी हद तक समस्याओं का समाधान संभव है।
5. आत्मविश्वास बनाए रखें
सामान्य और सुविधाजनक परिस्थितियों में तो कोई भी जी लेता है, चुनौती तो तब सामने आती है, जब कठिन से कठिन परिस्थितियों में जीने के लिए संघर्ष जारी रखना हो। जिंदगी के लिए किए जाने वाला संघर्ष कभी खत्म नहीं होता, हालात जरूर बदलते रहते हैं। इसलिए किसी भी परिस्थिति में आत्मविश्वास नहीं खोएं। अगर आप आत्मविश्वास बनाए रखेंगे और संघर्ष से भागेंगे नहीं तो आपकी मदद के लिए भी कोई सामने आ सकता है।