How to Make Anant Dhaga at Home: अनंत चतुर्दशी के दिन 14 गांठ वाली अनंत धागा बांधने की विशेष महत्व होती है। अगर आप बाजार से अनंत धागा खरीदते हैं, तो इस नहीं करना पड़ेगा मार्केट का चक्कर लगानाय, हम यहां आसान स्टेप में धागा बनाने की विधि बताएंगे।
Step by Step Anant Dhaga Making Process: अनंत चतुर्दशी का त्योहार भगवान नारायण जी को समर्पित है और इस दिन विशेष रूप से "अनंत धागा" बांधने की परंपरा है। यह धागा न केवल धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा है, बल्कि घर में सुख, शांति और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। बाजार में अक्सर यह धागा आसानी से मिल जाता है, लेकिन उसमें असली पवित्रता और शुद्धता तभी महसूस होता है जब इसे घर पर बनाया जाए। घर पर बनाया गया अनंत धागा विष्णु भगवान के प्रति सच्ची आस्था और श्रद्धा का प्रतीक होता है और इसे पहनने वाला अपने जीवन में पॉजिटिव एनर्जी का अनुभव करते हैं।
घर पर धागा बनाने के फायदे

बाजार से धागा खरीदने में जहां खर्च आता है, वहीं उसमें कितनी शुद्धता है यह कहना मुश्किल होता है। वहीं दूसरी ओर, जब आप घर पर धागा बनाते हैं, तो इसमें आपकी आस्था, पवित्रता, शुद्धता और आत्मिक जुड़ाव भी जुड़ जाता है। घर पर बने धागे की खासियत यही होती है कि वह साधारण धागा नहीं रहता, बल्कि पूजा का महत्वपूरण हिस्सा बन जाता है। यही कारण है कि बहुत से लोग इसे अपने हाथों से घर ही तैयार करते हैं।
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अनंत धागा बनाने की विधि
घर पर धागा बनाने के लिए आमतौर पर लाल और पीले रंग के सूती धागों का इस्तेमाल किया जाता है। इन दोनों रंगों के मिलन को शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है। धागे को 14 गांठों के साथ बनाया जाता है, जो "अनंत" के 14 लोकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसे बनाते समय हर गांठ पर भगवान श्री हरी विष्णू का स्मरण करते हुए आशीर्वाद मांगा जाता है। यही साधना और विश्वास इस धागे को साधारण धागे से पवित्र और शक्तिशाली बनाती है, जो जीवन में आने वाली संकोटों से भी हमे बचाती है।
पूजा में धागे का प्रयोग
14 गांठ बांधने के बाद जब धागा जब तैयार हो जाता है, तो उसे अनंत चतुर्दशी की पूजा के समय श्री हरी नारायण जी के चरणों में अर्पित किया जाता है। फिर इस धागे को परिवार के पुरुष और बच्चे अपनी बांह में बांधते हैं और महिलाएं इसे अपने गले में पहनती हैं। अनंत धागा सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि विष्णु जी का आशीर्वाद माना जाता है।
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