Extra Marital Affairs:भारत में एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस मामले में महानगरों को पीछे छोड़ते हुए कांचीपुरम ने पहला स्थान हासिल किया है। आइए जानते हैं देश के बाकी शहरों की स्थिति क्या है।
Extra Marital Affairs In India:भारत में एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर यानी विवाहेतर संबंधों को लेकर हाल ही में जो रिपोर्ट सामने आई है, उसने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु का कांचीपुरम जिला देश में सबसे ज्यादा एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर वाले शहरों की सूची में पहले स्थान पर है। वहीं, सेंट्रल दिल्ली को दूसरा स्थान मिला है। दिल्ली-NCR के कई अन्य जिले भी इस सूची में शामिल हैं।
टॉप पर कौन-कौन से शहर?
डेटिंग वेबसाइट Ashley Madison की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में कांचीपुरम 17वें स्थान पर था, लेकिन 2025 में यह अचानक छलांग लगाते हुए पहले नंबर पर पहुंच गया। यहां पर इस मैरिटल अफेयर प्लेटफॉर्म पर साइनअप करने वाले यूजर की संख्या देश में सबसे ज्यादा है। वहीं, दिल्ली के अंदर कई इलाके इस रिपोर्ट में जगह बनाए हुए हैं-
टॉप 20 शहरों में शामिल:
- कांचीपुरम
- सेंट्रल दिल्ली
- गुरुग्राम
- गौतमबुद्धनगर
- साउथ वेस्ट दिल्ली
- देहरादून
- ईस्ट दिल्ली
- पुणे
- बेंगलुरु
- साउथ दिल्ली
- चंडीगढ़
- लखनऊ
- कोलकाता
- वेस्ट दिल्ली
- कामरूप (असम)
- नॉर्थ वेस्ट दिल्ली
- रायगढ़
- हैदराबाद
- गाजियाबाद
- जयपुर
दिलचस्प बात यह है कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई इस लिस्ट में शामिल नहीं है, जो पहले टॉप-20 में होती थी।
क्यों बढ़ रहे हैं एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर?
विशेषज्ञ मानते हैं कि इन संबंधों के बढ़ने के पीछे कई सामाजिक और तकनीकी कारण हैं।
- डिजिटल दुनिया की भूमिका: सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स ने लोगों को नए रिश्तों की ओर आकर्षित किया है। निजी स्पेस और गोपनीयता मिलने से लोग अधिक स्वतंत्र रूप से ऑनलाइन संबंध बना रहे हैं।
- शहरीकरण और बिजी लाइफस्टाइल: तनाव, अकेलापन और दांपत्य जीवन में असंतोष कई बार लोगों को बाहर रिश्ते बनाने के लिए प्रेरित करता है।महानगरों में तेजी से बदलती जीवनशैली और मानसिक दूरियां भी एक बड़ा कारण हैं।
- समानता और आत्मनिर्भरता: अब महिलाएं भी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं और अपनी पसंद-नापसंद खुलकर जाहिर कर रही हैं।विवाह अब ‘समझौते’ की बजाय ‘चॉइस’ बनता जा रहा है।
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क्या कहता है कानून?
- विवाहेतर संबंध अब अपराध नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में IPC की धारा 497 को असंवैधानिक घोषित करते हुए कहा था कि व्यस्कों के बीच सहमति से बना रिश्ता अपराध नहीं माना जा सकता। हालांकि ये संबंध तलाक का आधार बन सकते हैं। कोर्ट में यह मानसिक क्रूरता के रूप में गिना जा सकता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
Ashley Madison के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर पॉल कीएबल का कहना है कि भारत में विवाहेतर संबंध (extra marital affairs) अब छिपाने वाली चीज नहीं रहे। यहां के लोग रिश्तों को लेकर ज्यादा खुलकर सोच रहे हैं। यह सिर्फ यौन संबंधों की बात नहीं है, बल्कि इमोशनल खालीपन को भरने की कोशिश भी है।
क्या ये अलार्मिंग ट्रेंड है?
बिल्कुल, क्योंकि यह पारिवारिक स्थिरता को प्रभावित करता है। विश्वास और सामाजिक मूल्यों में गिरावट का संकेत है। एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से कपल नहीं बल्कि बच्चे भी प्रभावित होते हैं। उनके मेंटल हेल्थ पर असर हो सकता है।
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