सार

अगर आप एक बेटी के पिता है और आपकी बेटी अब धीरे-धीरे बड़ी हो रही है, तो इस दौरान आपको ऐसी कुछ बातें हैं जो उससे नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह आपके रिश्ते में नेगेटिविटी ला सकते और भविष्य में आप के रिश्ते को बिगाड़ भी सकता है।

रिलेशनशिप डेस्क : बाप बेटी का रिश्ता इस दुनिया का सबसे प्यारा रिश्ता होता है। एक बेटी अपने पापा के सबसे ज्यादा क्लोज होती है, लेकिन जब बेटी की उम्र बढ़ने लगे तो पिता को थोड़ा ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस दौरान बेटी से बात करने के लिए अपने शब्दों पर बहुत सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इससे बच्चों पर नेगेटिव प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं पांच ऐसी बातें जो एक पिता को अपनी बेटी से नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे उनके संबंधों में बुरा प्रभाव पड़ सकता है...

भाई से तुलना करना

पिता को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी वह अपनी बेटी की तुलना अपने बेटे से ना करें। जब आपकी बेटी बड़ी होने लगे तो भूलकर भी उसे यह ना कहे कि अपने भाई जैसी क्यों नहीं बन सकती हो। इससे बेटी के मन में हीन भावना पैदा होती है, इसलिए अपनी बेटियों से कभी इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए।

घर के काम करने का दबाव

अगर आपकी बेटी बड़ी हो रही है तो उसे कभी भी घर के काम करने के लिए प्रेशराइज ना करें। अगर वह मन से घर का काम करना चाहती हैं, तो उसे अप्रिशिएट भी करें। लेकिन दबाव देकर कोई काम नहीं कराए, क्योंकि इससे उनके मन में हीन भावना पैदा होती है।

खाने पर रोक टोक नहीं लगाएं

कई बार ऐसा होता है कि बढ़ती उम्र में लड़कियों का वेट थोड़ा बढ़ने लगता है। ऐसे में आपको अपनी बेटी को खाने पीने के लिए ज्यादा रोक-टोक नहीं करनी चाहिए कि ज्यादा मत खाओ मोटी हो जाओगी। इस तरह के शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चियों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

लड़की हो तो लड़कियों की तरह रहो

यह एक आम डायलॉग है जो लगभग हर घर में बोला जाता है जब लड़कियां बड़ी होती है। उन्हें ताने मारे जाते हैं कि लड़की हो तो लड़कियों की तरह ही रहो। लेकिन आपको यह गलती नहीं करनी चाहिए, क्योंकि बेटी और बेटों में कोई फर्क नहीं होता है। उन्हें उनकी आजादी से हमें जीने देना चाहिए। उन्हें कभी भी इस बात को लेकर प्रेशर नहीं देना चाहिए कि लड़की हो तो लड़की की तरह रहो और लड़कों की तरह बनने की कोशिश ना करो।

ज्यादा मत हंसो

अक्सर ऐसा होता है कि जब लड़कियां बड़ी होती है और ज्यादा हंसती, खेलती, मुस्कुराती है तो माता-पिता बड़े कॉन्शियस हो जाते हैं और उन्हें यह कहते हैं कि ज्यादा हंसा मत करो, ज्यादा किसी से बातचीत नहीं किया करो। ऐसा कहना कई बार बच्चियों के मन में बुरा प्रभाव डाल सकता है, इसलिए अपनी बेटी से इस तरह की बात कभी ना करें।

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