How to financially plan for having a baby? बच्चे की परवरिश में पैसों की चिंता सता रही है? जानिए कुछ आसान टिप्स जिनसे बच्चे का भविष्य सुरक्षित रहेगा और आपकी जिंदगी भी स्ट्रेस-फ्री। बजट बनाएं, बीमा कराएं, बचत करें और वसीयत भी तैयार रखें।
पहला बच्चा माता-पिता की जिंदगी में खुशियों की सौगात लाता है। लेकिन इन खुशियों के साथ कई जिम्मेदारियां भी आती हैं। बच्चे के जन्म से लेकर उसकी पढ़ाई और भविष्य तक, हर कदम पर पैसे की जरूरत पड़ती है। अगर समय रहते फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) नहीं की गई, तो बाद में पैसों की टेंशन जीवन का मजा कम कर सकती है। यहां जानें नए माता-पिता के लिए आसान और प्रैक्टिकल फाइनेंशियल गाइड, ताकि आपके बच्चे का भविष्य रहे सुरक्षित और आपकी जिंदगी स्ट्रैस फ्री भी रहे।
1. हर महीने का बजट बनाएं
बच्चा होने के बाद आमदनी और खर्चों का तरीका बदल जाता है। हर महीने का पूरा हिसाब-किताब लिखें। जैसे बच्चे के कपड़े, दवाई, जांच, टीकाकरण, नैपी, बेबी तेल, साबुन, मेड का खर्च – सब जोड़ें। फालतू खर्च जैसे बार-बार बाहर खाना मंगाना या बिना जरूरत की खरीदारी, कम करें।
2. परिवार का स्वास्थ्य बीमा ठीक करें
देखें कि आपके परिवार के स्वास्थ्य बीमा में मां और बच्चे दोनों का पूरा खर्च कवर होता है या नहीं। बच्चे के जन्म के बाद तुरंत उसे भी बीमा में शामिल करवाएं। अचानक अस्पताल जाने की नौबत आए तो अलग से थोड़े पैसे बचाकर रखें ताकि किसी से उधार न लेना पड़े।
3. टर्म इंश्योरेंस लेना न भूलें
अगर बच्चे के जन्म के बाद अब तक जीवन बीमा नहीं लिया, तो तुरंत लें। इससे कभी कुछ अनहोनी होने पर भी बच्चे की पढ़ाई और परवरिश रुकेंगी नहीं।
4. बच्चे की पढ़ाई के लिए हर महीने बचत
जितनी जल्दी बचत शुरू करेंगे, उतना ज्यादा फायदा होगा। हर महीने थोड़े-थोड़े पैसे बचत योजना में डालें। इससे जब बच्चा बड़ा होगा और उसकी पढ़ाई का खर्च बढ़ेगा, तो आपको कर्ज नहीं लेना पड़ेगा।
5. इमरजेंसी के लिए अलग फंड बनाएं
कोशिश करें कि कम से कम 6 महीने का खर्च अलग बचाकर रखें। जैसे अचानक बच्चे की तबीयत खराब होना, नौकरी का जाना, या कोई बड़ा खर्च, इन सब में यह पैसे काम आएंगे।
6. बच्चे के नाम से सेविंग प्लान
डाकघर की बचत योजना, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, बेटी है तो सुकन्या योजना, छोटी बचत के लिए आवर्ती जमा – ये सब अच्छा ऑप्सन हैं। रोजमर्रा की जरूरतों के लिए अलग बचत और भविष्य के बड़े खर्चों के लिए अलग बचत करें।
7. उधारी और कर्ज से बचें
खर्चों को पूरा करने के लिए बार-बार उधारी या कर्ज का सहारा न लें। कोशिश करें कि जो भी खरीदें, पहले उसके लिए बचत करें।
8. वसीयत जरूर बनाएं
सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन माता-पिता बनने के बाद अपनी जायदाद और जमा पूंजी की वसीयत बनाना जरूरी है। इससे भविष्य में किसी तरह का झगड़ा नहीं होगा और बच्चा भी सुरक्षित रहेगा।
9. पैसों की समझ दोनों को होनी चाहिए
पति-पत्नी दोनों को यह जानकारी होनी चाहिए कि कौनसी बचत योजना कहां है, किसका बीमा कब तक है। इससे कोई परेशानी आने पर दोनों को संभालने में आसानी होगी।
