बच्चा प्लान करने से पहले कपल्स को 10 ज़रूरी बातों पर खुलकर बात करनी चाहिए, ताकि रिश्ते में प्यार और समझ बनी रहे। क्या आप तैयार हैं?

बच्चा पैदा करना सिर्फ एक बायोलॉजिकल स्टेप नहीं, बल्कि एक इमोशनल, मेंटल और रिलेशनशिप टर्निंग पॉइंट होता है। इस फैसले से पहले यह जरूरी है कि आप और आपके पार्टनर एक ही पेज पर हों। वरना बेबी आने के बाद Emotional स्ट्रेस, मेंटल स्ट्रेस, या फिर रिलेशनशिप में दूरी आ सकती है। यहां हम बता रहे हैं वो 10 अहम बातें, जो हर कपल को बेबी प्लान करने से पहले आपस में डिस्कस कर लेनी चाहिए।

1. क्या बच्चा हमारी अपनी इच्छा है या समाज का दबाव?

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सबसे पहले खुद से और एक-दूसरे से यह पूछना जरूरी है कि क्या हम सच में बच्चा चाहते हैं या यह फैसला बाहरी दबाव (जैसे परिवार, उम्र, समाज) के चलते ले रहे हैं। बेबी तब ही प्लान करें जब दोनों की इमोशनल डिजायर क्लियर हो।

2. क्या हम दोनों अभी समान रूप से तैयार हैं?

कभी-कभी एक पार्टनर बहुत एक्साइटेड होता है और दूसरा कंफ्यूज या डरा हुआ। यह अंतर भविष्य में असहमति या गिल्ट पैदा कर सकता है। इसलिए यह बात साफ कर लें कि क्या दोनों मानसिक रूप से तैयार हैं।

3. स्ट्रेस और बदलावों को हैंडल करने की हमारी क्षमता कैसी है?

बच्चे के आने के बाद नींद की कमी, थकान और इमोशनल उतार-चढ़ाव आम बात है। सोचें कि आप दोनों टेंशन, नींद की कमी, और लाइफस्टाइल बदलावों को कैसे हैंडल करते हैं—अकेले और साथ में।

4. हम किस तरह के माता-पिता बनना चाहते हैं?

क्या आप स्ट्रिक्ट होंगे या जेंटल पैरेंटिंग को मानते हैं? यह समझना जरूरी है कि आप दोनों की पेरेंटिंग फिलॉसफी कितनी मिलती है, ताकि बाद में डिसिप्लिन, पढ़ाई या व्यवहार को लेकर झगड़े न हों।

5. क्या हम अपने रिश्ते को कुछ समय के लिए पीछे रख सकते हैं?

बच्चा आने के बाद फोकस उस पर चला जाता है। क्या आप दोनों इसके लिए तैयार हैं? और क्या आप इस दौरान भी रिलेशनशिप को समय देना नहीं भूलेंगे?

6. क्या हम रूटीन और फ्रीडम में भारी बदलाव के लिए तैयार हैं?

नींद, ट्रैवल, पार्टी, मी टाइम—सब कुछ बदल जाएगा। क्या आप उन चीज़ों को अस्थायी रूप से छोड़ने के लिए तैयार हैं?

7. बच्चे को किस तरह की परवरिश देंगे—मॉडर्न, ट्रेडिशनल या बैलेंस्ड?

अगर एक पार्टनर मॉडर्न वैल्यूज चाहता है और दूसरा पारंपरिक, तो टकराव हो सकता है। पहले से तय करें कि बच्चे की परवरिश का बेस कैसा होगा।

8. फैमिली कितनी इन्वॉल्व होगी—सपोर्ट या इंटरफेरेंस?

क्या सास-ससुर या माता-पिता बच्चे की परवरिश में साथ रहेंगे? अगर हां, तो कितना? यह तय करें कि फैमिली हेल्पफुल होगी या इंटरफेयर करने वाली।

9. पैरेंट बनने के बाद कैसे बनाएंगे अपनी पहचान और सेल्फ-केयर?

क्या आपके पास कोई प्लान है कि आप अपने शौक, करियर या मानसिक सेहत को कैसे बैलेंस करेंगे? अगर नहीं, तो सोचिए क्योंकि खुद की केयर करना उतना ही जरूरी है।

10. पैरेंटिंग में आपके 'नॉन-नेगोशिएबल्स' क्या हैं?

डिसिप्लिन, पढ़ाई, स्क्रीन टाइम, धार्मिक शिक्षा—इनमें क्या ऐसी बातें हैं जिन पर आप किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे? इन्हें एक-दूसरे से पहले ही शेयर कर राय लें।