सार
इस्लामिक स्टेट की क्रूरता से पूरी दुनिया वाकिफ है। धर्म के नाम पर लोगों का सिर कलम करने वाला आईएसआईएस (ISIS) ने साल 2015 में गुलाम महिलाओं को लेकर एक फतवा जारी किया था। जिसमें बताया गया था गुलाम महिलाओं के साथ मालिक कब यौन संबंध बना सकता है।
रिलेशनशिप डेस्क. पूरी दुनिया में महिलाओं पर अत्याचार के मामले सामने आते रहते हैं। इस्लामिक स्टेट तो कई कदम आगे जाकर महिलाओं पर हैवानियत करता आ रहा है। साल 2015 में उसने एक फतवा जारी किया था जिसमें गुलाम महिलाओं को लेकर कुछ नियम बनाए गए थे। इस फतवा के जरिए वो महिलाओं की गुलामी को सही ठहराने की कोशिश करता नजर आया था।
दरअसल, सीरिया में अमेरिकी स्पेशल फोर्सेस ने इस्लामिक स्टेट के एक बड़े आंतकी को निशाना बनाने के लिए छापेमारी की थी। इस दौरान कई तरह के दस्तावेज जब्त किए गए थे। फतवा में ऐसे-ऐसे गाइलाइन महिलाओं को लेकर बनाए गए थे जो काफी भयानक थे। आईएसआईएस महिलाओं को गुलाम बनाने को जायज बताता है। इसके साथ ही गुलाम महिलाओं के साथ मालिक किस तरह का रिलेशन रख सकता है इसे लेकर भी कई सारे नियम बनाए। दस्तावेज में ऐसे 15 नियमों को बताया गया था, जिसे हम यहां आपको बता रहे हैं।
-गुलाम महिला के साथ उसका मालिक तब तक यौन संबंध नहीं बना सकता है, जबतक वह एक पीरियड यानी मासिक धर्म से न गुजर जाए।
-गुलाम महिला अगर प्रेग्नेंट होती है तो मालिक तब तक उसके साथ सेक्स नहीं कर सकता है जबतक वो बच्चे को जन्म ना दे दे।
-अगर गुलाम महिला प्रेग्नेंट है तो मालिक उसका गर्भपात नहीं करा सकता है।
-किसी महिला बंदी को उसका मालिक आजाद कर देता है, तो फिर उसके साथ यौन संबंध नहीं बना सकता है।
-अगर कोई व्यक्ति दो बहनों को गुलाम बनाता है तो दोनों के साथ संबंध नहीं बना सकता है। उसे किसी एक को चुनना होगा।
-एक को चुनने के बाद उसे दूसरी को बेचना पड़ता है।
-अगर मालिक अपनी गुलाम को प्रेग्नेंट कर देता है तो फिर उसे बेच नहीं सकता है।
-अगर दो लोगों ने पैसा मिलाकर एक महिला को खरीदा हो तो उसके साथ कोई भी यौन संबंध नहीं बना सकता।
-बाप बेटे एक गुलाम महिला के साथ यौन संबंध नहीं बना सकता है।
- अगर किसी मां-बेटी को गुलाम बनाया गया हो तो, उसका मालिक दोनों के साथ यौन संबंधन नहीं बना सकता।
-मालिक को गुलाम महिला के साथ बदसलूकी नहीं करना चाहिए। उसे कोई ऐसा काम नहीं देना चाहिए जिसे वो करने में असमर्थ हो।
इस्लामिक स्टेट इस फतवे के जरिए ना सिर्फ महिला की गुलामी को जायज ठहराने की कोशिश करता नजर आया। बल्कि वो ये बताना चाहता है कि वो गुलाम महिलाओं को लेकर कितना सोचता है। वो उनके हित के लिए इन नियम को बनाया है।
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