सार

मलाइका अरोड़ा की लाइफ उन तमाम लड़कियों के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत बन सकती है जो मुश्किल वक्त में थक कर बैठ जाती हैं। कम उम्र में जब पिता ने घर परिवार को छोड़ दिया तब वो अपनी मां का सहारा बनने के लिए निकल पड़ी थी।

रिलेशनशिप डेस्क. कहा जाता है कि एक मां की सबसे मजबूत स्तंभ उसकी बेटी ही होती है। मलाइका अरोड़ा भी उन्हीं बेटी में से एक है जो कम उम्र में अपनी मां का सपोर्ट सिस्टम बन गईं। बॉलीवुड अदाकारा किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। रियलिटी शो जज करने वाली, फिटनेस को लेकर जाने जाने वाली और फैशनिस्टा मलाइका ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अपने उस उम्र की कहानी बयां की जिस उम्र में बच्चियों के कई सपने होते हैं।

मलाइका बताती हैं कि जय हिंद कॉलेज में दो साल की पढ़ाई पूरी की और मॉडलिंग असाइनमेंट्स करने लगी। जिसकी वजह से वो कॉलेज कम जाती थी। जिसकी वजह से उनकी मां के पास कॉलेज की तरफ से शिकायत गई। एक्ट्रेस ने बताया कि उन्होंने स्वतंत्र होने की इच्छा से काम करना शुरू किया, ताकि वे अपनी मां की आर्थिक रूप से सहायता कर सकें। उनकी मां सिंगल मदर थी। हालांकि उनकी मां को उनसे इस तरह की कोई उपेक्षा नहीं थी। लेकिन वो बड़ी बेटी होने के नाते इसे अपना कर्तव्य समझा।

11 साल की उम्र में पिता हो गए थे अलग

मलाइका ने बताया कि जब वो 11 साल की थी तब उनके माता-पिता अलग हो गए। जिसके बाद उनके अंदर कई चीजें बदली। जीवन को देखने का एक नया नजरिया मिला। कठिन वक्त में उन्होंने कई सबक सीखें। अदाकारा का एक बच्चा है और अरबाज से काफी वक्त पहले तलाक हो चुका है। बावजूद इसके वो मजबूती से इंडस्ट्री में खड़ी है और अपने बेटे की परवरिश कर रही हैं।

खुद के सपनों के साथ फैमिली का बनें सहारा

मलाइका की इस कहानी में रिश्तों की अहमियत, करियर को लेकर इच्छा छिपी है। सिंगल मां की मदद करने के लिए उन्होंने काम करना शुरू किया। वो कभी किस्मत के भरोसे नहीं रही। ये कहानी तमाम लड़कियों के लिए एक प्रेरणा है। मां का सहारा बनते हुए अपने सपनों को कैसे जी सकते हैं वो एक्ट्रेस से सीखें। इतना ही नहीं फिटनेस को लेकर भी आप मलाइका से सीख सकती हैं। 51 साल की उम्र में भी वो अपने हेल्थ का पूरा ख्याल रखती हैं।

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