Passive Aggressive Friend Signs: फ्रेंडशिप डे पर अपने रिश्ते का एक बार हेल्थ चेक जरूर करें। कुछ दोस्त पैसिव एग्रेसिव हो सकते हैं, जो आपकी मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाते हैं। यहां हम ऐसे 4 संकेत बता रहे हैं, जिनसे आप ऐसे दोस्त को पहचान सकते हैं।
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Passive Aggressive Behaviour: फ्रेंडशिप डे ( 3 अगस्त, रविवार) उन रिश्तों का जश्न मनाने का दिन है,जो हमारी जिंदगी को हंसी, सपोर्ट और प्यार से भर देते हैं। लेकिन क्या हर दोस्ती वाकई हेल्दी होती है? कभी-कभी हंसी-मजाक और साथ में बिताए पलों के पीछे छिपा होता है,एक अलग ही व्यवहार-पैसिव एग्रेसन। यानी ऐसा रवैया जिसमें सामने वाला अपनी नाराजगी को सीधे न कहकर तानों, चुप्पी या टालने वाले रवैये से जाहिर करता है। अगर आपके किसी दोस्त के साथ ऐसा व्यवहार बार-बार हो रहा है, तो हो सकता है यह रिश्ता अंदर ही अंदर आपको थका रहा हो। इस फ्रेंडशिप डे पर जानिए ऐसे 4 संकेत, जो बताते हैं कि आपका दोस्त है पैसिव एग्रेसिव।
Passive-Aggression क्या है?
साधारण भाषा में कहें तो पैसिव एग्रेसन एक ऐसा व्यवहार है जिसमें व्यक्ति अपने गुस्से या नाराजगी को सीधे न दिखाकर इशारों, कटाक्ष या चुप्पी के जरिए जताता है। यह व्यवहार सामने वाले को कन्फ्यूज कर देता है क्योंकि वह साफ-साफ नहीं होता।जैसे कोई दोस्त आपको जानबूझकर ट्रिप या पार्टी की जानकारी नहीं देता, या फिर आपके अच्छे न्यूज पर बिना उत्साह के रिएक्शन देता है, तो यह पैसिव एग्रेसन हो सकता है।
Passive-Aggressive व्यवहार की 4 मुख्य पहचान
बातों और कामों में विरोधाभास: ऐसे दोस्त अक्सर कहते हैं कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उनका बर्ताव कुछ और ही कहता है। जैसे हर बार लेट आना, अचानक प्लान बदल देना या जरूरी बात छुपाना। ये सब उनके अंदर की नाराजगी दिखाने का तरीका हो सकता है।
बात मान लेना, लेकिन दिल से न होना: वो बाहर जाने की बजाय नेटफ्लिक्स देखने को मान जाते हैं लेकिन फिर पूरे वक्त मुंह लटकाए रहते हैं या कटाक्ष करते हैं। ये दिखाता है कि वे टकराव से बचना चाहते हैं लेकिन अंदर से खुश नहीं हैं।
तीखे मजाक: अगर कोई दोस्त मजाक में आपको नीचा दिखाने की कोशिश करता है,जैसे कहे, ‘तुम पर सीक्विन वाला ड्रेस अच्छा लग रहा है, मैं तो इतना कॉन्फिडेंट कभी नहीं हो पाई’ तो समझिए कि यह एक ‘छुपा हुआ गुस्सा’ है।
चेहरे के हावभाव में बदलाव: पैसिव-एग्रेसिव लोग अक्सर बनावटी मुस्कान या नजरें चुराना जैसे व्यवहार दिखाते हैं। यह बॉडी लैंग्वेज भी उनकी नाराजगी को छिपाने का तरीका हो सकता है।
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कब बात करें ?
अगर आप उस दोस्ती को बचाना चाहते हैं, तो पैसिव एग्रेसिव व्यवहार को नजरअंदाज करने की बजाए बात करें। उनसे समझे कि वो आखिर इस तरह का व्यवहार क्यों कर रहे हैं।
कब दूरी बनाना बेहतर है?
अगर आपने कोशिश की, लेकिन वे बार-बार वही व्यवहार दोहराते हैं और कोई सुधार नहीं आता, तो यह जरूरी हो सकता है कि आप अपने मेंटल हेल्थ के लिए दूरी बना लें।
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