सार

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची की मां को पहले समझाने की कोशिश की, लेकिन उसने पुलिसकर्मियों की एक नहीं सुनी। मामला दर्ज कर बच्ची को अपने साथ लाकर मासूम को राजकीय बाल आश्रम भेजा दिया। 

इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से एक 6 साल की बच्ची की ऐसी काहनी सामने आई है, जो अक्सर झगड़ा करने वाले पति-पत्नी के लिए सोचने पर मजबूर कर देगी। यहां एक बेटी ने अपनी मां के खिलाफ पुलिस थाने में  FIR दर्ज कराई है। मासूम ने शिकायत में कहा कि उसके मम्मी-पापा रोज आपस में लड़ते हैं, फिर गु्स्से में मां मुझे पीटती है।

पति का बदला मासूम बेटी से लेती थी
दरअसल, कुछ दिन पहले इंदौर की चाइल्ड हेल्प लाइन ने शिकायत मिलने के बाद इस बच्ची को रेस्क्यू किया था। मासूम के शरीर पर गहरे जख्म के निशान मिले हैं। जिस वक्त पुलिस उसको लेने के लिए पहुंची तो वह रो रही थी। क्योंकि कुछ देर पहले ही उसे महिला ने पीटा था। मामले की जांच कर रहे एरोड्रम TI राहुल शर्मा ने बताया कि मामले में आरोपी युवती के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट दर्ज किया गया है। महिला को जरा-जरा सी बातों पर भयानक गुस्सा आ जात है और पति का बदला वह अपनी बेटी पर उतारती है।

पति के जाते ही बेटी को पीटने लग जाती थी पत्नी
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची की मां को पहले समझाने की कोशिश की, लेकिन उसने पुलिसकर्मियों की एक नहीं सुनी। मामला दर्ज कर बच्ची को अपने साथ लाकर मासूम को राजकीय बाल आश्रम भेजा दिया। महिला शहर के आम्रकुंज इलाके में रहने रहती है। 1 जनवरी 2021 को चाइल्ड लाइन में उसके खिलाफ पहली शिकायत मिली थी। शिकायत करने वाला उसका पिता है। बच्ची के के इलाज के बाद जब उसकी काउंसिलिंग की गई तो उसने पूरी कहानी बयां कर दी। उनसे कहा की मां रोज दिन में कई बार पीटती है। उनके हाथ में जो भी होता है उससे मेरी पिटाई कर देती हैं। बेटी के बयान के आधार पर पुलिस ने महिला पर कार्रवाई की।

पति ने बताई पत्नी की कहानी...
मासूम बेटी के पिता विजय ने पुलिस को बताया कि उसकी 8 साल पहले प्रिया से शादी हुई थी। उसका शुरू से ही व्यवहार अलग था और खर्चीली है। जबकि में एक  मध्यमवर्गीय परिवार से हूं और  एक कपड़ों की दुकान पर काम करके घर का खर्चा चलाता हूं। उसे कई बार मैंने समझाने की कोशिश की, लेकिन वह उल्टा विवाद करती थी। मेरे जाने के बाद बेटी के साथ मारपीट करने लग जाती थी। फिर जब मैं रात को घर आता तो लड़ने लग जाती। काफी समझाने के बाद भी उसमें कोई बदलाव नहीं आया, इसलिए आखिर में मुझे पुलिस का सहारा लेना पड़ा।