सार
31 अक्टूबर को राकेश कौशल हुए थे शहीद। उनका सपना बहन को खाकी में देखने का था।
दंतेवाड़ा: एक बहन ने अपने भाई की शहादत का बदला लेने के लिए अपने सपनों की कुर्बानी दे दी। दंतेवाड़ा की रहने वाली कविता ने भाई की शहादत के बाद पुलिस की नौकरी को चुना। वह अपने भाई का सपना पूरा करना चाहती हैं। भाई का सपना था- बहन को पुलिस वर्दी में देखना। नक्सली हमले में 31 अक्टूबर को जवान राकेश कौशल शहीद हो गए थे। इसके बाद ही कविता ने नक्सलियों से बदला लेने के लिए डॉक्टरी की पढ़ाई छोड़कर मई 2019 में आरक्षक की नौकरी ज्वाइन कर ली थी।
भाई की शहादत पर गर्व है
कविता तीन भाइयों की इकलौती बहन हैं। तीनों में उनकी राकेश से सबसे ज्यादा बनती थी। वह कहती हैं, "मुझे अपने भाई की शहादत पर गर्व है। आज भी उनकी कही हर बात मेरे कानों में गूंजती है, ऐसा नहीं लगता कि वो हमें छोड़कर चले गए। भाई का सपना पूरा करने के लिए मैंने मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर पुलिस की नौकरी शुरू की। भाई मुझे हमेशा से पुलिस की वर्दी में देखना चाहते थे। अभी मुझे नौकरी में आए दो महीने हुए है हथियार चलाना सीखूंगी, दंतेश्वरी फाइटर्स में शामिल होकर भइया की शहादत का बदला लूंगी।" कविता ने नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में शामिल होने की इच्छा भी जताई।
अमर रहेंगे हमारे भाई
वह कहतीं हैं, "जिन बहनों के भाई शहीद हुए हैं, उन सभी से यह कहना चाहूंगी कि हम सब भाग्यशाली हैं। हमारे भाईयों ने लड़कर सीने पर गोली खाई है और शहीद हुए हैं। वह हमेशा अमर रहेंगे।"