सार

मध्यप्रदेश के धार जिले में सोमवार सुबह इंदौर-खरगोन के बीच 50 यात्रियों से भरी एक बस नर्मदा नदी में समा गई। इस हादसे में अब तक 15 से ज्यादा शव निकाले जा चुके हैं। बता दें कि इसी तरह का हादसा 12 साल पहले देवास जिले के खातेगांव में हुआ था। आखिर कब और कैसे हुआ था वो हादसा। 

River Bus Accident: मध्यप्रदेश के खलघाट में सोमवार सुबह 50 यात्रियों से भरी बस नर्मदा नदी में गिर गई। इस हादसे में अब तक 15 शव निकाले जा चुके हैं। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बस में एक भी जिंदा आदमी नहीं बचा है। बता दें कि आज से 12 पहले सितंबर, 2010 में ऐसा ही खतरनाक हादसा देवास के पास हुआ था। उस हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 42 यात्री घायल थे। बस में करीब 100 यात्री सवार थे। आखिर कैसे हुआ हादसा, किसकी थी गलती, आइए जानते हैं। 

कब और कहां हुआ था हादसा?
8 सितंबर, 2010 को मध्यप्रदेश में देवास जिले में खातेगांव तहसील के पास बहने वाली बागदी नदी उफान पर थी। उस दिन अमावस्या होने की वजह से कई लोग नर्मदा स्नान के लिए नेमावर घाट गए थे। वहां से लौटते समय सिसोदिया ट्रैवल्स की प्राइवेट बस उफनती बागदी नदी पार करने के दौरान बह गई। उस दौरान पुल के उपर 3 फीट पानी था। 

बस में क्षमता से ज्यादा यात्री सवार थे : 
अमावस्या के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र नर्मदा नदी में स्नान के लिए नेमावर गए थे। यही वजह है कि बस में क्षमता से ज्यादा यात्री सवार थे। यह बस जब नेमावर से चापड़ा जा रही थी तभी इंदौर-बैतूल हाइवे पर खातेगांव के पास बागदी नदी अपने पूरे उफान पर थी। नदी के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लगी थीं और बीच में जगह थी।

यात्रियों ने मना किया, पर नहीं माना ड्राइवर : 
तेज पानी के बहाव को देखते हुए किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वो पुल को पार करे। लेकिन बस का ड्राइवर धीरे-धीरे बस को पुल के करीब तक ले आया। इस पर यात्रियों ने मना किया कि पानी उतर जाने दो। ड्राइवर कुछ देर तो खड़ा रहा, लेकिन फिर अचानक उसने बस स्टार्ट की और आगे बढ़ने लगा। 

बस की छत पर सवार थे कई यात्री : 
45 सीटर बस की छत पर भी कई यात्री बैठे हुए थे। जब ड्राइवर उफनती नदी के बीच पुल को पार करने लगा तो कुछ यात्री डर के मारे बस से नीचे कूद गए। पानी के तेज बहाव में बस जैसे ही बीच पुल पर पहुंची तो उसका बैलेंस बिगड़ने लगा। बस को डगमगाता देख कुछ और यात्री छत से पानी में कूद गए। इससे बस का वजन और कम हो गया। 

देखते ही देखते नदी में समा गई पूरी बस : 
बस की छत पर बैठे यात्रियों के पानी में कूदते ही बस का संतुलन पूरी तरह बिगड़ गया और वह पानी का तेज बहाव नहीं झेल पाई। डगमगाते हुए पूरी बस एक तरफ झुकी और पुल से नीचे पानी में समा गई। पुल पर रेलिंग नहीं थी, जिसकी वजह से बस पुल से बहकर कुछ दूर पहुंच गई थी। बाद में उसे क्रेन की मदद से निकाला गया। वहीं कुछ यात्रियों को गोताखोरों ने बचाया तो कुछ ने खुद तैरकर अपनी जान बचाई। 

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