सार

फ्रांस में पैंगबर साहब के कार्टून के विवाद के बाद दुनियाभर के मुस्लिम देशों में प्रदर्शन हुए थे। भोपाल के इकबाल मैदान में 29 अक्टूबर को कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने बिना अनुमति सभा की थी। इसमें हजारों लोग जुटे थे। यहां मसूद ने अपने भाषण में धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने मसूद सहित 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। तब से मसूद फरार हैं।

भोपाल, मध्य प्रदेश. ऐसी खबर थी कि फ्रांस में पैंगबर साहब के कार्टून के विवाद के बाद भोपाल में सभा के दौरान धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद बुधवार को जिला कोर्ट में सरेंडर कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। बता दें कि फ्रांस में पैंगबर साहब के कार्टून के विवाद के बाद दुनियाभर के मुस्लिम देशों में प्रदर्शन हुए थे। भोपाल के इकबाल मैदान में 29 अक्टूबर को कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने बिना अनुमति सभा की थी। इसमें हजारों लोग जुटे थे। यहां मसूद ने अपने भाषण में धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने मसूद सहित 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। तब से मसूद फरार हैं। 17 नवंबर को भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने मसूद का गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इससे पहले इसी अदालत ने 7 नवंबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 

भोपाल मध्य से विधायक मसूद ने भोपाल कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट को जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि माना जा रहा था कि हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद मसूद सरेंडर कर देंगे। लेकिन हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा और मसूद हाजिर नहीं हुए। कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद से ही पुलिस विधायकी को तलाश रही है। हालांकि इस मामले में पुलिस अफसरों की भूमिका भी संदेह के घेरे में हैं। पुलिस बताती रही कि मसूद ने फोन बंद कर रखा है। लेकिन एक मीडिया हाउस का दावा है कि उसने मसूद से फोन पर बात की थी।

मसूद ने वीडियो जारी करके कहा था
इससे पहले मसूद ने एक वीडियो वायरल करके कहा था कि उन्हें राजनीतिक साजिश में फंसाया गया है। वे फरार नहीं हैं। मसूद ने कहा था कि अगर हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिलती, तो वो जिला कोर्ट में सरेंडर कर देंगे। 

इकबाल मैदान में हुआ था प्रदर्शन..
29 अक्टूबर को इकबाल मैदान में आरिफ मसूद ने फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसमें हजारों लोग इकट्ठा हुए थे। इन्होंने न सिर्फ कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन किया, बल्कि धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम भी किया। काफी हंगामे के बाद तलैया थाना पुलिस ने उसी दिन आरिफ मसूद और अन्य के खिलाफ धारा-188 के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद  4 नवंबर को आरिफ मसूद सहित सात लोगों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में धारा-153-ए के तहत केस दर्ज किया गया था। मसूद बिहार चुनाव में प्रचार करने गए थे। इसके बाद से वे गायब हैं।

 

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