सार

मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक प्राचीन महावीर मंदिर में पुजारी ने अपनी मां का शव दफना दिया। जिसके बाद वहीं पर समाधि बना दी। जब विरोध हुआ तो प्रशासन और लोगों से कहने लगा कि अपनी मां की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उसे ऐसा कराना पड़ा है।

छतरपुर. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में इस वक्त बवाल मचा हुआ है। क्योंकि यहां एक पुजारी ने अपनी मां की मौत के बाद मंदिर में ही दफना दिया। इसके बाद वहीं पर रीति-रिवाज के अनुसार पूजा कर वहीं पर समाधि बना दी। लेकिन स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों ने इसको लेकर हंगामा मचा रखा है। लोगों ने जिले के डीएम को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें शव को मंदिर परिसर से निकालकर और पोस्टमार्टम होने के बाद विधिवत अंतिम संस्कार करने की मांग की गई।

अग्नि में जलाने की बजाए पुजारी ने दफन कर दी मां की लाश
दरअसल, यह मामला छतरपुर शहर का है, जहां प्राचीन मोटे के महावीर मंदिर है। यहां सुबह-शाम लोगों की भीड़ दर्शन करने के लिए आती जाती है। लेकिन हाल ही में इस मंदिर में पूजा करने वाले एक पुजारी ने अपनी मां के निधन के बाद शव मंदिर में ही दफना दिया है। इसके अलवा इसी जगह पर मां की समाधि भी बना दी गई। लेकिन जब स्थानीय लोगों ने इसको लेकर विरोध किया तो प्रशासन मौके पर पहुंचकर शव को निकालकर मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार करवा दिया गया।

जानिए क्या है पूरा मामला
 इस पूरे मामले को लेकर मंदिर के पुजारी ने कहा-उनकी मां पिछले कई सालों से इसी मंदिर में रहती थीं। वो यहां पर संत महाराज की सेवा करती थीं। संत की समाधि लेने के बाद भी मां उनकी यहां सेवा करती रहीं, मां की अंतिम इच्छा थी कि उनकी मौत के बाद उनका शव यहीं पर दफनाया जाए। इसकी बाद उस जगह पर समाधि बना दी जाए। इसलिए मैंने मां की इच्छा पूरी करने के लिए यह सब किया है। वहीं मंदिर समीति के सदस्यों ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा कि पुजारी की मां एक गृहस्थ जीवन जी रही थीं। ऐसे में ना तो इनका शव दफन किया जा सकता है और ना ही मंदिर में समाधि बनाई जा सकती है। सिर्फ हिन्दू रीति रिवाज के मुताबिक शव को जलाया जाना चाहिए। हालांकि विरोध के बाद पुजारी ने कहा-मैं माफी मांगता हूं, अब जो भी होगा प्रशासन और समीति के आदेश के हिसाब से ही होगा।

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