सार
बालाघाट में 'शेरनी' की शूटिंग के दौरान विवाद का मामला सामने आया है। मप्र के वन मंत्री विजय शाह ने अभिनेत्री विद्या बालन को डिनर का निमंत्रण दिया था। चूंकि विद्या शूटिंग स्थल से काफी दूर रुकी हुई थीं, इसलिए उन्होंने आने में असमर्थता जताते हुए निमंत्रण ठुकरा दिया। इससे नाराज वन मंत्री ने शूटिंग में विघ्न डालने की कोशिश की। हालांकि मामला सरकार तक पहुंचा, तब शूटिंग शुरू की जा सकी। घटना 8 नवंबर की बताई जाती है।
भोपाल, मध्य प्रदेश. बालाघाट में फिल्म शेरनी की शूटिंग के दौरान एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मप्र के वन मंत्री विजय शाह ने अभिनेत्री विद्या बालन को डिनर का निमंत्रण दिया था। लेकिन विद्या शूटिंग स्थल से काफी दूर रुकी हुई थीं, इसलिए उन्होंने आने में असमर्थता जताते हुए इनकार कर दिया। बताते हैं कि इसके बाद कथित तौर पर वनमंत्री के निर्देश पर बालाघाट साउथ के डीएफओ जीके बरकड़े ने जंगल में प्रोडक्शन की गाड़ियों को प्रवेश नहीं दिया। उनका तर्क था कि अंदर सिर्फ दो गाड़ियां जा सकती हैं। हालांकि जब मामला शासन स्तर पर पहुंचा, तब कहीं जाकर गाड़ियों को प्रवेश दिया गया। यह वाक्या 8 नवंबर का बताया जाता है।
पीएस ने किया डीएफओ को फोन
बता दें कि विद्या बालन गोंदिया में रुकती थीं। बता दें कि शूटिंग स्थल से गोंदिया करीब 40 किमी दूर है। वे वहीं से शूटिंग के लिए बालाघाट आती थीं। मुख्य वन संरक्षक, बालाघाट सर्किल नरेंद्र कुमार सनोडिया ने बताया कि वन मंत्री की जब विद्या बालन से मुलाकात हुई थी, तब वे उनके साथ थे। लेकिन डिनर जैसी कोई बात हुई, इसके बारे में नहीं पता। हालांकि उन्होंने माना कि बालाघाट में शूटिंग न के बराबर होती हैं। ऐसे में अगर शूटिंग में बाधा पड़ती, तो बदनामी होती। पीएस ने खुद डीएफओ को फोन करके शूटिंग जारी रखवाने का बोला था। सनोडिया ने कहा कि वे 6 से 10 नवंबर तक मंत्रीजी के साथ ही थे। भरवेली खदान के रेस्ट हाउस में सबने लंच किया था, लेकिन ऐसी कोई बात हुई याद नहीं। शेरनी की शूटिंग के लिए 20 अक्टूबर से 21 नवंबर तक स्वीकृति ली गई थी।
(शेरनी की शूटिंग के दौरान का एक दृश्य)
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भरवेली खदान के रेस्ट हाउस में वनमंत्री 8 नवंबर की शाम विद्या बालन से मिले थे। इस घटना के अगले दिन शूटिंग की गाड़ियां रुकवा दी गई थीं। वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि उनकी विद्या बालन से मुलाकात हुई थी, लेकिन डिनर की व्यवस्था जिला प्रशासन ने की थी। वन मंत्री ने तर्क दिया कि जंगल में जनरेटरयुक्त गाड़ियां ले जाने की मनाही है। इसलिए डीएफओ ने उन्हें रोका होगा।