सार
खरगोन में जिला पुलिस अधीक्षक डीएस यादव ने बताया कि इस मामले में एक व्यक्ति का बयान लिया गया है जो इस घटना का एक मात्र गवाह है। 18 जुलाई को एक बस इंदौर से महाराष्ट्र जा रही थी। लेकिन धार के पास हादसा हो गया था।
भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले के धामनोद खलघाट में एक यात्री बस नर्मदा नदी (Narmada River) में गिर गई थी। इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई थी। बस महाराष्ट्र राज्य परिवहन की थी। इस मामले में एसपी ने बड़ी खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया है कि हादसा उस समय हुआ जब बस ड्राइवर ने एक ट्रक को ओवरटेक करने के लिए अपनी स्पीड बढ़ा दी थी। लेकिन वो स्पीड पर नियंत्रण नहीं रखा और बस पुल की रेलिंग तोड़कर नदी में गिर गई थी। इस बस में यात्रा करने वाले जिन 12 लोगों की मौत हुई है उनमें से 7 महाराष्ट्र के, 4 राजस्थान के और एक यात्री इंदौर जिले का रहने वाला था।
खरगोन में जिला पुलिस अधीक्षक डीएस यादव ने बताया कि इस मामले में एक व्यक्ति का बयान लिया गया है जो इस घटना का एक मात्र गवाह है। वह व्यक्ति बस के पीछे मोटरसाइकिल में आ रहा था। पुलिस के अनुसार, उसने बताया कि हादसा ओवर स्पीड के कारण हुआ था। एसपी ने बताया कि इसी व्यक्ति ने बस के नदी में गिरने की जानकारी पुलिस को दी थी। एसपी ने कहा कि उनके बयान के आधार पर, जलगांव के अमलनेर निवासी मृतक चालक चंद्रकांत एकनाथ पाटिल (45) के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) को भी दुर्घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन करना है।
इंदौर से निकली थी बस
दरअसल, 18 जुलाई को एक बस इंदौर से महाराष्ट्र जा रही थी। लेकिन धार के पास हादसा हो गया था। हादसे में मरने वालों के लिए मुआवजे की घोषणा की गई थी। मध्य प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये देने की घोषणा की थी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री राहत कोष से बस दुर्घटना में मरने वालों को 2-2 लाख रुपये दिए दिए जाने की घोषणा की गई थी।
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