सार
ऐसे ही एक सरकारी डॉक्टर हैं जिन्होंने अपनी ड्यूटी कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों के नाम कर दी है। वह 24 घंटे ड्यूटी करते हैं। उन्होंने अस्पताल में खड़ी कार को ही अपना घर बना लिया है।
भोपाल. कोरोना के कहर से पूरी दुनिया जूझ रही है। ऐसे संकट के समय अगर कोई देवदूत बना है तो वो हमारे डॉक्टर हैं। जो अपने परिवार से दूर रहकर दूसरों की जिंदगी बचाने में जुटे हैं। ऐसी एक मार्मिक कहानी मध्य प्रदेश से सामने आई है। जहां एक डॉक्टर कोरोना के मरीजों को ठीक करने के लिए 24 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं।
अपनी कार को ही बना लिया अपना घर
दरअसल, यह कहानी है भोपाल के जय प्रकाश (जेपी) सरकारी अस्पताल के डॉक्टर सचिन नायक की। जो यहां के मरीजों की जांच और आइसोलेशन वार्ड में तैनात हैं। वह पिछले 8 दिन से अपने घर तक नहीं गए हैं। वह 24 घंटे अस्पताल में मरीजों के लिए ड्यूटी कर रहे हैं। उन्होंने अपनी कार को ही घर बना लिया है। जब कभी उनको थोड़ा वक्त मिलता तो वह कार में ही आराम करने लगते हैं। उनकी इस गाड़ी में जरूरत का हर वो सामान मौजूद है, जिसकी उन्हें रोज अवाश्यकता होती है।
8 दिन से अपने 3 साल के बेटे को नहीं ले सके गोद
डॉक्टर सचिन का कहना है कि अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में होने के चलते संक्रमण का खतरा बना रहता है। इसलिए उन्होंने अपने परिवार से दूरी बना ली है। वह नहीं चाहते हैं कि कोरोना का संक्रमण परिवार के किसी सदस्य तक जा सकते हैं। उनका कहना है कि मेरा एक तीन साल का बेटा है, उससे मिलने का मेरा मन भी करता है। मैं भी चाहता हूं कि उसको गोद में ले सकूं। लेकिन सुरक्षा के चलते ऐसा नहीं कर सकता हूं।
कार में रहता है यह सामान
डॉक्टर सचिन नायक ने पीछे की तरफ बिस्तर लगाया है। साथ ही कार में ही नहाने की बाल्टी और मग रखे हुए हैं। वह यहीं अपने कपड़ों को सुखा लेते हैं। इतना ही नहीं, उनकी इस कार में बालों में लगाने का तेल, टूथपेस्ट और पानी भरने के लिए बर्तन भी रखा है। वह अस्पताल से मिलने वाला खाना भी यहीं बैठकर खाते हैं।