सार
इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर अपूर्वा गुलानी (Apoorva Gulani) ने तीन दिन पहले रविवार को गर्ल्स हॉस्टल में सुसाइड कर लिया। डॉक्टर ने एनेस्थीसिया का ओवरडोज लेकर आत्महत्या की।
इंदौर (मध्य प्रदेश). I LOVE YOU मम्मी-पापा..मैं जिंदगी से थक चुकी हूं, इसलिए अब हारकर जान दे रही हूं। परिवार को यह इमोशन लेटर लिख इंदौर की एमजीएम मेडिकल कालेज की जूनियर डॉक्टर अपूर्वा ने सुसाइड कर लिया। वह अक्सर हसंती- मुस्कुराती रहती थी, लेकिन दिल में बहुत दर्द छिपा रखा था। तभी तो मरने से पहले जो शब्द लिखे वह बेहद मार्मिक हैं। डॉक्टर ने मरने से पहले अपनी पॉकेट डायरी में अंग्रेजी में लिखा-आइ एम अनेबल टू फाइट माइसेल्फ। अब मैं अपनी जिंदगी से थक चुकी हूं। इसलिए जा रही हूं, क्योंकि किसी से इतनी भी उम्मीद मत करो कि वह खरा ना उतर पाए।
कमरे से मिला भारी संख्या में एनेस्थीसिया
पुलिस जांच में सामने आया है कि अपूर्वा से उसके परिवार वालों ने ज्यादा उम्मीदें लगा रखी थीं। जांच कर रहे टीआई तहजीब काजी ने बताया कि सुसाइड नोट पढ़कर ऐसा लग रहा घरवालों ने अपूर्वा से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें लगाई हुई थीं। जिसके चलते वह लगातार डिप्रेशन में जाने लगी। उसके कमरे से ड्रग्स के इंजेक्शन और एनेस्थीसिया मिला है। उसने एनेस्थीसिया का ओवरडोज लेकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली।
सहेली और परिवार से हो रही पूछताछ
पुलिस का कहना है कि अपूर्वा की सहेलियों को बुलाया गया है। जल्द ही उनके बयान लिए जाएंगे। वहीं, अपूर्वा के मोबाइल की जांच होने पर और बातें स्पष्ट हो जाएंगी। परिवार से भी पूछताछ जारी है। क्योंकि उसे अपने आखिरी नोट में माता-पिता, भाई और चाचू से माफी मांगते हुए लिखा- मैं सभी के भरोसे पर खरी नहीं उतर पाई। थक चुकी हूं और यह कदम उठा रही हूं।
अपूर्वा की इमरजेंसी में ड्यूटी थी, लेकिन वह नहीं पहुंची
सिवनी जिले के लखनादौन की रहने वाली अपूर्वा इंदौर के एमवाय अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही थी। वह तीन साल से एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही थीं। साथ ही, इंदौर के एक निजी हॉस्टल में रह रही थी। रविवार रात 8 बजे अपूर्वा की इमरजेंसी में ड्यूटी थी, लेकिन वह नहीं पहुंची। साथियों ने उसे लगातार फोन किए, लेकिन जब कॉल रिसीव नहीं हुआ तो सभी हॉस्टल पहुंचे। वहां देखा तो वो बिस्तर पर बेसुध पड़ी थी। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।