सार
खरगोन में हुए दंगों को आज पूरा एक सप्ताह हो गया है। लेकिन यहां रहने वाले लोगों की परेशानियां अभी भी कम नहीं हुई हैं। रविवार को प्रशासन ने सुबह 8 से लेकर 12 बजे तक चार घटों की थोड़ी ढील दी। इस दौरान एक दूल्हे को अपनी दुल्हन को लेने के लिए पैदल ही निकलना पड़ा।
खरगोन. मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर निकले जुलूस के दौरान हुए दंगे को आज एक सप्ताह हो गया है। जिला प्रशासन ने रविवार को कर्फ्यू में 4 घंटे की ढील दी। जिससे हिंसा के बाद स्थिति थोड़ी सामान्य हुई। इसी दौरान लोगों ने अपनी जरूरत का सामान खरीदा। वहीं एक अनोखी शादी देखने को मिली। जहां ना कोई बैंड-बाजा था और न घोड़ी, दूल्हा खुद अपनी दुल्हनियां को लेने के लिए पैदल ही निकला।
माता-पिता के साथ पैदल ही निकला दूल्हा
दरअसल, रविवार को खरगोन कलेक्टर और एसपी ने सुबह 8 बजे से दोपहर 12 तक थोड़ी ढील दी हुई थी। इसी दौरान दंगा प्रभावित एरिया तालाब चौक में रहने वाले अमन कर्मा की आज शादी है। तो वह दूल्हा अमन अपने परिवार के साथ शहर से बाहर निकलने के लिए 2 से 3 किलोमीटर तक पैदल ही चला। जहां से वह कसरावद तहसील 35 किलोमीटर दूर दुल्हन श्वेता को लेने के लिए निकले।
दूल्हे ने कहा-मेरे सारे सपने दंगों ने तोड़ दिए
बता दें कि दूल्हे अमन का दंगों की वजह से अपने घर से घोड़ी पर बैठने और बारात धूमधाम से ले जाने का सपना टूट गया। क्योंकि परिवार ने कर्फ्यू और तनाव के चलते बैंड-बाजे के साथ बारात नहीं निकाली। पुलिस के सख्त आदेश के कारण मजबूर होकर दूल्हे को पैदल ही निकलना पड़ा। दूल्हे ने कहा-कर्फ्यू के कारण ऐसा करना पड़ा, खैर जो भी हालात अब सामान्य हैं और समय पर मेरी शादी तो हो गई। हम प्रशासन के सभी नियमों का पालन करेंगे।
बहन ने कहा-कभी सोचा नहीं था ऐसी शादी होगी
वहीं दूल्हे अमन की बहन पायल ने कहा कि हमने कभी सपने में नहीं सोचा था कि भैया की ऐसी शादी करनी पड़ेगी। हर मां-बाप की ख्वाहिश होती है कि उसकी बेटी या बेटे की शादी धूमधाम से हो। लेकिन दंगों की वजह से सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं। हिंसा की वजह से हमारे कई दोस्त शादी में नहीं आ सके। मां सीमा और पिता के अलावा कुछ लोग इस शादी में शिरकत करने पहुंचे। शादी के बाद हमने अपने घर पर एक भव्य रिसेप्शन रखा था। लेकिन अब वह भी कैंसिल हो गया है।