सार

इस महासम्मेलन में दो लाख से ज्यादा आदिवासियों को लाने का प्रयास है। इसके लिए 5 हजार बसों का इंतजाम किया गया है। इस पर 13 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह खर्च सिर्फ आदिवासियों की यात्रा, नाश्ते-खाने और ठहरने का खर्च है। इसके अलावा 3 करोड़ के आसपास का खर्च जंबूरी मैदान की व्यवस्थाओं पर होने का अनुमान है।

भोपाल : मध्यप्रदेश (madhya pradesh) की राजधानी भोपाल (bhopal) में 15 नवंबर को होने वाले जनजातीय महासम्मेलन की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (narendra modi) के इस सम्मेलन में शामिल होने से सरकार और प्रशासन तैयारियों को अंतिम रुप देने में जुटा है। आदिवासियों को रिझाने शिवराज सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। यही कारण है कि इस महासम्मेलन में दो लाख से ज्यादा आदिवासियों को लाने का प्रयास है। इसके लिए 5 हजार बसों का इंतजाम किया गया है। इस पर 13 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह खर्च सिर्फ आदिवासियों की यात्रा, नाश्ते-खाने और ठहरने का खर्च है। इसके अलावा 3 करोड़ के आसपास का खर्च जंबूरी मैदान की व्यवस्थाओं पर होने का अनुमान है।

करीब 13 करोड़ की मंजूरी
इस कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर सोशल मीडिया पर जनजातीय कार्य विभाग का आदेश वायरल हो रहा है। इस आदेश में 52 कलेक्टरों को 12.92 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। आदिवासियों को आने जाने के लिए प्रति व्यक्ति प्रति किलोमीटर 45 रुपये का बजट कलेक्टरों को दिया गया है। नाश्ते के लिए प्रति व्यक्ति 40 रुपये का बजट है। साथ ही खाना 60 रुपए का खिलाया जाएगा। कुछ जिलों से आने वाले आदिवासियों को एक बार नाश्ता तो कुछ को दो बार नाश्ता और खाना दिया जाएगा। नाश्ते पर ही 9.74 करोड़ रुपए और खाना पर 2.35 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सम्मेलन के लिए आने वाले हर एक आदिवासी के ठहरने के लिए प्रति व्यक्ति 260 रुपये खर्च होंगे। आठ जिलों के एक लाख लोगों को रुकवाने के लिए 2.62 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

किस जिले से कितने लोग आएंगे
जिला      बसों की संख्या    आदिवासी
भोपाल            500            20600
होशंगाबाद      350            15000
रायसेन           300            13000
सीहोर            300            13000
हरदा             225              9000

कहां कितनी राशि मंजूर
जिला             राशि
भोपाल       127.20 लाख
बड़वानी       98.13 लाख
खरगोन        90.65 लाख
सीहोर          89.04 लाख
धार             78.16 लाख

55 लाख राशि का सेनेटाइजर
इस मेगा सम्मेलन में कोरोना को देखते हुए एहतियात भी बरती जा रही है। चूंकि बड़ी संख्या में आदिवासियों के आने का अनुमान है इसलिए सेनेटाइजर और अन्य व्यवस्थाओं पर भी राशि जारी की गई  है। सिर्फ सेनेटाइजर खरीदने के लिए ही 55 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। जंबूरी मैदान में बड़े-बड़े डोम, स्टेज, पंडाल और ब्रांडिंग के लिए पूरी व्यवस्था की गई है।

VIP गेस्ट हाउस तक चमकेंगी सड़कें
पीएम मोदी के दौरे के पहले PWD सड़कों को चमकाने में जुट गया है। विभाग हेलीपैड बनाने और बैरिकेडिंग में 1 करोड़ 35 लाख रुपए खर्च करेगा। इसके साथ ही भोपाल के VIP गेस्ट हाउस तक की सड़कों पर डामरीकरण का काम भी कराया जाएगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय में हेलीपैड तक पहुंचने वाले मार्ग के निर्माण पर 9 लाख रुपये खर्च होना बताया जा रहा है।

सवा घंटे मंच पर रहेंगे प्रधानमंत्री 
जंबूरी मैदान पर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब सवा घंटे मंच पर रहेंगे। कोविड-19 के बाद यह पहला मेगा इवेंट बताया जा रहा है। भाजपा और सरकार ने इसके लिए पूरा जोर लगा दिया है। 5 डोम बनाए जा रहे हैं। बड़े पंडाल तैयार हो चुके हैं। 300 से अधिक मजदूर इस काम में लगे हैं। मध्यप्रदेश के साथ-साथ बिहार (bihar), उत्तर-प्रदेश (uttar pradesh), छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) और गुजरात (gujrat) के मजदूर भी डोम और पंडाल बनाने में जुटे हैं। पूरे पंडाल में मोदी के साथ-साथ शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के भी कटआउट लगे दिखाई देंगे। 100 से अधिक बड़ी LED स्क्रीन लगाई जा रही हैं। 

शुक्रवार को सीएम की वीडियो कॉन्फ्रेंस 
इस कार्यक्रम को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को 11 बजे मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसमें प्रदेश के सभी कलेक्टर, कमिश्नर, एसपी और आईजी के साथ-साथ मंत्रियों से भी जुड़ने को कहा गया है। इसमें जनजातीय गौरव दिवस समारोह की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री फीडबैक लेंगे।

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