सार

इससे पहले दिग्विजय सिंह ने कई ट्वीट किए। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा- क्या खरगोन प्रशासन ने लाठी तलवार जैसे हथियारों को ले कर जुलूस निकालने की इजाजत दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके चाहे जिस धर्म के हों सभी के घर पर बुलडोज़र चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए आपने निष्पक्ष हो कर सरकार चलाने की शपथ ली है।

भोपाल : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन (Khargone) में रामनवमी के दिन हुई हिंसा और फिर उसपर सरकार के एक्शन को लेकर सियासत उबल पड़ी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) एक गलती कर सरकार के निशाने पर आ गए हैं। दरअसल, दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट किया जिसको लेकर बवाल मच गया। हालांकि दिग्विजय ने थोड़ी ही देर में उस ट्वीट को डिलीट कर दिया लेकिन इस वजह से अब उनकी किरकिरी शुरू हो गई है। पूर्व सीएम ने हिंसा पर एक ट्वीट किया था, उन्होंने बिहार के एक फोटो को अपने ट्वीट में टैग करते हुए इसे खरगोन का बता दिया। इस फोटो में कुछ युवक मस्जिद में भगवा झंडा लगा रहे हैं।  

यह प्रदेश को दंगे में झोंकने की साजिश
वहीं जैसे ही दिग्वियज सिंह का यह ट्वीट सामने आया, सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने उस पर पलटवार किया। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि 
दिग्विजय सिंह  ने एक धार्मिक स्थल पर युवक द्वारा भगवा झंडा फहराने का फोटो सहित ट्वीट किया है, वह मध्यप्रदेश का नहीं है। उनका यह ट्वीट प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने का षड्यंत्र है और प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की साजिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

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गृहमंत्री ने कहा एक्शन होगा

वहीं, दिग्विजय सिंह के ट्वीट करने और बाद में उसे डिलीट करने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने एक्शन की बात कही है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने भ्रम फैलाने का काम किया है। वह हमेशा ही मध्यप्रदेश को बदनाम करने का काम करते रहे हैं। उन्होंने पहले पाकिस्तान के ब्रिज को भोपाल से जोड़ दिया था। अब बाहर की मस्जिद, जिसमें झंडा लगाया जा रहा है, उसे मध्यप्रदेश से जोड़कर दिखाया। इस मामले में विषय विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। दिग्विजय पर कानूनी कार्रवाई करेंगे।

खरगोन में क्या हुआ
बता दें कि खरगोन में रविवार को श्रीराम शोभायात्रा निकाली जा रही थी। जैसे ही यह जुलूस मुस्लिम बहुल इलाके में पहुंचा तो यात्रा पर पथराव हो गया। उपद्रवियों ने इस दौरान आतंक फैलाते हुए कई घरों और दुकानों में आग लगा दी। कई मकानों में घुसकर तोड़फोड़ की गई। एक मंदिर में भी तोड़फोड़ की गई। जिसके बाद सांप्रदायिक तनाव फैल गया। मामला शांत करने पहुंची पुलिस के करीब 20 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए, एसपी को भी चोटें आई थी। उसके बाद सरकार ने एक्शन लेते हुए दंगाईयों के मकान और दुकान पर बुलडोजर चलवा दिया। जिसके बाद सियासत होने लगी।

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