सार
कोरोना के कहर से कोई नहीं बच पा रहा है, अगर गलती से परिवार में कोई एक व्यक्ति इससे संक्रमित हो गया तो पूरा परिवार इसकी चपटे में आ जाता है। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश में सामने आया है, जहां पिता की कोरोना से मौत होने के बाद चार बेटों ने उनका अंतिम संस्कार किया। लेकिन,चार में से तीन बेटे भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
दतिया (मध्य प्रदेश). कोरोना के कहर से कोई नहीं बच पा रहा है, अगर गलती से परिवार में कोई एक व्यक्ति इससे संक्रमित हो गया तो पूरा परिवार इसकी चपटे में आ जाता है। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश में सामने आया है, जहां पिता की कोरोना से मौत होने के बाद चार बेटों ने उनका अंतिम संस्कार किया। लेकिन, चार में से तीन बेटे भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
बुजुर्ग कोरोना से जंग हार गया
दरअसल, यह मामला दतिया का है, जहां 70 वर्षीय बुजुर्ग बलरामदास 20 मई को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कर दिया था। लेकिन 25 मई को बुजुर्ग कोरोना से जंग हार गया और उसकी मौत हो गई। उसका अंतिम संस्कार शहर के ताल किनारे बने श्मशान घाट पर किया गया। जिसमें मृतक के चारों बेटे शामिल थे।
महाराष्ट्र से लौटा था बुजुर्ग
बता दें कि बुजुर्ग बलरामदास महाराष्ट्र एक मंदिर में पूजा करता था। वह 10 मई को अपने गांव लहार हवेली आया था। 12 मई को उसकी तबीयत खराब हुई तो उसे अस्पताल नें भर्ती कर दिया गया, सैंपल लिया तो वह कोरोना पॉजिटिव निकला।
पिता के साथ बेटा भी हो गया था अस्पताल में भर्ती
अपने पिता की देखरेख के लिए बुजुर्ग का छोटा बेटा श्रीकांत अस्पताल में भर्ती था। इसलिए उसका भी सैंपल पिता के साथ कराया गया था, लेकिन तब श्रीकांत की रिपोर्ट निगेटिव आई थी, जब उसकी दूसरी रिपोर्ट आई तो वह पॉजिटिव पाया गया। इस दौरान वह अपने भाइयों से मिलता रहा और उसके भाई मंगल गोस्वामी, मोहन गोस्वामी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।