सार

शिवराज सरकार ने सांप्रदायिक तनाव फैलाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए। दंगाईयों के घरों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें ढाह दिया गया है। इस पर सियासत भी खूब हो रही है।

खरगोन : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन में हुई हिंसा (Khargone Violence) ने एक परिवार को ऐसा जख्म दिया है कि परिवार तड़प रहा है। तीन दिन बाद जिस बहन की शादी होनी थी, उसका भाई इस हिंसा की चपेट में आने से वेंटिलेटर पर भर्ती है। वह न बोल पा रहा है, न कुछ बता पा रहा है, बस उसकी आंखों में आंसू दिखाई दे रहे हैं। शिवम के परिवार के मुताबिक उसकी हालात अब पहले से काफी ठीक है लेकिन स्थिति अभी भी ज्यादा सुधरी नहीं है। बता दें कि रामनवमी के दिन शिवम मंदिर में पूजा करने गया था और तभी हिंसा शुरू हो गई और वह इसकी चपेट में आ गया। उसी काफी गहरी चोंटे आईं। किसी तरह उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां हालत खराब होता देख इंदौर रेफर कर दिया गया था। चार दिन से उसका इलाज चल रहा है।

तीन दिन बाद उठने वाली थी बहन की डोली
16 साल के शिवम शुक्ला का परिवार खरगोन से 100 किलोमीट दूर निसरपुर में रहता है। वह मामा के घर रहकर पढ़ाई करता है। शिवम 10वीं के बाद आईटीआई से कम्प्यूटर साइंस में डिप्लोमा कर रहा है। परिवार वालों का कहना है कि तीन दिन बाद 17 अप्रैल को बहन की शादी होने वाली थी। शादी की तैयारियां भी करीब-करीब पूरी हो चुकी थी। कार्ड तक बंट गए थे लेकिन उससे पहले ऐसा हो गया और अब बेटा जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहा है। बहन की शादी गुजरात हो रही है। इस घटना के बाद दोनों परिवारों ने दो महीने के लिए शादी टाल दी है।

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रामनवमी के बाद घर जाने वाला था शिवम

शिवम को वेंटिलेटर पर देख परिवार वालों के आंसू नहीं थम रहे हैं। मामा-मामी ने बताया कि वह बहन की शादी को लेकर काफी खुश था। नए-नए कपड़े भी बनवा लिए थे। रामनवमी के अगले दिन वह शादी की तैयारियों के लिए घर जाने वाला था लेकिन उससे पहले ही यह घटना हो गई। अब वह कुछ बोल नहीं पा रहा। भगवान उसे बस किसी तरह ठीक कर दें। वहीं, इंदौर प्रशासन के मुताबिक शिवम की हालत में सुधार हो रहा है। कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने शिवम के इलाज पर नजर रखने को कहा है। इलाज में होने वाला खर्च सरकार उठाएगी।

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कैसे भड़की थी खरगोन हिंसा

10 अप्रैल को रामनवमी के दिन खरगोन में हिंसा हो गई थी। हिंसा की शुरुआत तलब चौक मस्जिद के पास से हुई थी। बताया जा रहा है कि राम नवमी जुलूस को के लिए प्रशासन ने दोपहर में दो से तीन बजे का समय दिया था लेकिन जुलूस को वहां पहुंचते-पहुंचते पांच बज गए। यह नमाज का वक्त था। इसके बाद दोनों तरफ हजारों की संख्या में भीड़ जुट गई थी। देखते ही देखते माहौल गर्म हो गया और पत्थरबाजी शुरू हो गई। जिसके बाद हिंसा भड़क गई। कई घरों और दुकानो को फूंक दिया गया। कई लोगों को चोटें आईं। इसमें कुछ पुलिसवाले भी थे।

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