सार

कोरोना के कहर से लोगों को बचाने की लिए हमारे देश के IAS और IPS अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात की ड्यूटी कर रहे हैं। यहां तक इस दौरान वह पिछले कई दिनों से अपने घर तक नहीं गए हैं। ऐसी ही एक कोरोना वॉरियर्स हैं धार के कलेक्टर श्रीकांत बनोट, जिन्होंने पिछले दो महीनों से अपनी बच्चों को छुआ तक नहीं है।

धार. (मध्य प्रदेश). कोरोना कहर से लोगों को बचाने के लिए हमारे देश के IAS और IPS अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात ड्यूटी कर रहे हैं। इस दौरान वह पिछले कई दिनों से अपने घर तक नहीं जा पा रहे हैं। ऐसी ही एक कोरोना वॉरियर्स हैं धार के कलेक्टर श्रीकांत बनोट, जिन्होंने पिछले दो महीनों से अपनी बच्चों को छुआ तक नहीं है।

खिड़की के उस पार खड़े रहते हैं बच्चे
दरअसल, तस्वीर में दिखाई दे रहे यह धार के कलेक्टर श्रीकांत बनोट हैं, जो ड्यूटी से थोड़ा समय निकालकर अपने बच्चों से मिलने घर पहुंचे हैं। खिड़की की दूसरी ओर खड़े उनके दोनों बच्चे हैं। वह अक्सर जब भी घर जाते हैं बच्चों से ऐसे ही मिलते हैं।

पति-पत्नी दोनों निभा रहे कोरोना वॉरियर्स की भूमिका
बता दें कि श्रीकांत बनोट की पत्नी कृष्णावेणी देसावतु देवास जिले की एसपी हैं। वह भी अक्सर घर से बाहर ही रहती हैं। जब घर आती हैं तो इसी तरह दूर से ही बच्चों से मिलती हैं। ऐसे में दोनों बच्चों को कोरोना वायरस ने केवल पिता ही नहीं, मां के प्यार से भी दूर कर दिया है।

दूर से ही अपने बच्चों से करते हैं मुलाकात
श्रीकांत का कहना है कि उनका अधिकतर समय घर के बाहर गुजरता है। कई जगहों पर जाते हैं, कई तरह के लोगों से मिलते हैं, ऐसे में कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। इससे कहीं बच्चे प्रभावित न हों, इसलिए श्रीकांत दूर से ही उनसे मिलकर लौट आते हैं। इस छोटी मुलाकात के दौरान उनके चेहरे पर मास्क होता है और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन भी।