सार
उज्जैन में साधु-संतों ने 'रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन' लेकर कड़ा विरोध जताया है। क्योंकि ट्रेन में सर्विस देने वाले वेटर्स को साधु-संत वाला पहनावा यानि भगवा कपड़े, धोती, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहनाई है।
उज्जैन (मध्य प्रदेश). रामायण सर्किट एक्सप्रेस ट्रेन (ramayana circuit express) के नाम और उसके वेटर्स के पहनावे को लेकर विवाद शुरू हो गया। महाकाल नगरी यानि उज्जैन में साधु-संतों ने इसको लेकर कड़ा विरोध जताया है। इतना ही नहीं अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री परमहंस डॉ अवदेष पूरी महाराज ने रेलवे मिनिस्टर को एक लेटर भी लिखा है। जिसमें कहा गया है कि अगर वेटरों की वेशभूषा नहीं बदली गई तो वह 12 दिसंबर को बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
12 दिसंबर को पटरी पर ट्रेन को नहीं चलने देंगे संत
दरअसल, रेलवे विभाग ने 'रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन' में सर्विस देने वाले वेटर्स को साधु-संत वाला पहनावा यानि भगवा कपड़े, धोती, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहनाई है। सोशल मीडिया पर आए वीडियो में संतो की वेशभूष में दिखाई दे रहे वेटर्स लोगों को खाना सर्व कर रहे हैं। इतना ही हीं वह जूठे बर्तन भी उठाते दिख रहे हैं। जिसको लेकर उज्जैन के साधु-संतों ने आपत्ति जताई है। साथ रेलवे को चेतावनी दी है कि अगर इनका पहनावा नहीं बदला गया तो वह ट्रेन को रोकेंगे यानि उसे पटरी पर आगे नहीं बढ़ने देंगे। 12 दिसंबर इसकी तारीख भी फिक्स कर दी है।
संतों ने रेलवे को दी चेतावनी..
परमहंस डॉ अवदेष पूरी जी महाराज ने कहा वेटरों की यह ड्रेस देकर साधु-संत ही नहीं भारत के करोड़ों नागरिकों का अपमान किया है। कभी सोचा नहीं था कि रेलवे संतो के पहनावे को इस तरह वेटरों देंगे। इससे उनकी घटिया सोच का पता चलता है। अगर उन्होंने अपने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो वह देश के करोड़ों हिंदुओं के साथ पटरी पर बैठेंगे और ट्रेनों को आगे नहीं बढ़ने देंगे।
'राम के नाम पर रेलवे कर रहा भगवा से खिलवाड़'
संतों ने कहा कि भगवान राम ने अपनी जीवनकाल में संतों का सम्मान किया है। वह संतो के सामने दंडवत होकर प्रणाम करते थे। हम भी अयोध्या और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना चाहते हैं। लेकिन अब रेलवे भगवान राम के नाम पर भारतीय संस्कृति की आस्था के प्रतीक भगवा रंग के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
भगवान राम के सभी स्थलों को दर्शन कराती है ये ट्रेन
बता दें कि वहीं भारतीय रेलवे विभाग धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रामायण सर्किट एक्सप्रेस चलाई जा रही है। ट्रेन 7 नवंबर को प्रारंभ हुई जो कि भगवान राम से जुड़े हुए 15 स्थलों का भ्रमण करते हुए 7,500 किमी की यात्रा तय करेगी। दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से चलने वाली इस ट्रेन का पहला पड़ाव अयोध्या होता है। जबकि इसका अंतिम स्टेशन रामेश्वरम। IRCTC ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘देखो अपना देश’ पहल के तहत चलाई है। इस डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन से भगवान श्रीराम से जुड़े सभी धार्मिक स्थलों का दर्शन कराया जाता है।