सार
सरकार का कहना है कि बस ऑपरेटर्स और यात्रियों की आपसी सहमति के बाद ही किराया तय किया जाएगा। मध्यप्रदेश बस ऑपरेटर एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने एसोसिएशन में से किसी सदस्य को नहीं बुलाया। ना ही हमें कोई जानकारी दी। इसलिए हम हड़ताल को वापस नहीं लेंगे।
भोपाल. मध्य प्रदेश में प्रट्रोल-डीजल के रेट आसमान छू रहे हैं, जिसका असर आम आदमी पर पड़ रहा है। अब जनता के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है। गुरुवार शाम राज्य के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने 1 मार्च से बसों का किराया बढ़ाने का ऐलान किया है। हालांकि किराया कितना बढ़ेगा इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। सरकार का कहना है कि बस ऑपरेटर्स और यात्रियों की आपसी सहमति के बाद ही किराया तय किया जाएगा। बता दें कि दो दिन पहल ही एमपी बस ऑपरेटर एसोसिएशन धमकी दी थी की अगर किराया नहीं बढ़ाया गया तो एक तारीख से बसों के पहिए थम जाएंगे और हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।
हड़ताल को वापस नहीं लेंगे बस ऑपरेटर्स
मध्यप्रदेश बस ऑपरेटर एसोसिएशन अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने कहा कि सरकार किराए बढ़ाने के मामले में एसोसिएशन में से किसी सदस्य को नहीं बुलाया गया। ना ही हमें इस बारे में कोई जानकारी दी गई है। इसलिए हम हड़ताल को वापस नहीं लेंगे। 26 फरवरी से दो दिन की जो हड़ताल होने वाली थी अब वह एक दिन की कर दी गई है।
'बसों को चलाना हो रहा बेहद मुश्किल'
दरअसल, मंगलवार को जबलपुर में बस ऑपरेटर एसोसिएशन की मीटिंग हुई थी। जिसमें सभी मालिकों ने सरकार से किराया बढ़ाने की मांग की थी। एसोसिएशन का कहना है कि हम लोग घाटे में बस चला रहे हैं। जबकि डीजल पिछले दिनों में कितना बढ़ गया है। जब जब डीजल 58 रुपए प्रति लीटर था तब भी वही किराया था। अब 90 रुपए लीटर होने के बाद भी हम पुरानी दरों से किराए ले रहे हैं। ऐसे हालतों में हमें बसों को चलाना बेहद मुश्किल हो रहा है।
50 फीसदी किराए बढ़ाने की मांग
बता दें कि कुछ दिन पहले ही बस ऑपरेटर एसोसिएशन ने सरकार से किराए बढ़ाने की मांग रखी थी। उस दौरान सरकार ने सिर्फ आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई किराया नहीं बढ़ाया है। जिसके चलते बस मालिकों को घाटा सहन करना पड़ रहा है। ऑपरेटर्स की मांग है कि मध्यप्रदेश में बसों के किराये में कम से कम 50 फीसदी का इजाफा किया जाए। अगर उनकी बात को पूरा नहीं किया जाता है तो 1 मार्च से मध्यप्रदेश में बसों के पहिए जाम कर दिए जाएंगे।