सार
पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को महाकाल लोक का उद्घाटन करेंगे। वह, 856 करोड़ रुपये की महाकालेश्वर मंदिर गलियारा विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। महाकालेश्वर मंदिर, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित है।
Mahakal Lok inauguration: भव्य 'महाकाल लोक' का उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे। महाकालेश्वर मंदिर गलियारा विकास प्रोजेक्ट के फर्स्ट फेज के उद्घाटन के बाद उज्जैन के प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है। श्रद्धालुओं व पर्यटकों की संख्या दोगुनी होने से यहां विकास और तरक्की को नया पंख मिलेगा। स्थानीय लोगों का व्यवसाय व रोजगार बढ़ सकेगा। अनुमान है कि महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सालाना तीन करोड़ के आसपास हो जाएगी।
देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक हैं उज्जैन के महाकालेश्वर
देश में 12 'ज्योतिर्लिंग' हैं। सनातन आस्था के सबसे बड़े केंद्र इन 12 'ज्योतिर्लिंगों' में महाकालेश्वर मंदिर भी एक है। यहां पूरे साल भर भक्तों का जमावड़ा रहता है। हिंदू धर्म के लोगों के लिए यह पृथ्वी का सबसे पवित्र स्थानों में है। लाखों लोग तो अकेले महाशिवरात्रि पर यहां महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। श्रावण महीना में यहां लाखों की भीड़ लगी रहती है।
मध्य-प्रदेश में महाकाल लोक को लेकर काफी उत्साह
एमपी के उज्जैन में उद्घाटन को लेकर राज्य के लोगों में काफी उत्साह है। मध्य प्रदेश सरकार काफी दिनों से तैयारियों में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद कमान संभाले हुए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्रियों समेत अधिकारियों ने महाकाल लोक को प्रोफाइल पिक बना लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कई यूजर्स के ट्वीट्स को अपने पेज पर शेयर किया था और उनका शुक्रिया अदा किया था।
क्षिप्रा नदी के तट पर बसा है उज्जैन
उज्जैन एक प्राचीनतम धार्मिक नगरी है। यह पुरानी क्षिप्रा दी के तट पर बसा है। इस प्राचीन शहर को पहले उज्जैनी और अवंतिका के नाम से भी जाना जाता था। यह शहर राजा विक्रमादित्य की कथा से भी जुड़ा हुआ है। उज्जैन की आबादी करीब 6 लाख है।
यह भी जानें उज्जैन के बारे में...
यह एक प्राचीन और पवित्र शहर है और पुराने हिंदू ग्रंथ महाकालेश्वर मंदिर के चारों ओर एक 'महाकाल वन' की उपस्थिति का वर्णन करते हैं, और '84 महादेव', 'नव ग्रह' और 'सप्त सरोवर' (सात झीलों) में से एक है। जो रुद्रसागर है जिसे कॉरिडोर विकास परियोजना के हिस्से के रूप में पुनर्जीवित किया गया है। उज्जैन में नाग चंद्रेश्वर मंदिर साल में केवल एक बार नागपंचमी पर खुलता है। उस दौरान भारी भीड़ होती है। महाकाल मंदिर केवल उज्जैन का धार्मिक केंद्र नहीं है, लेकिन यह शहर के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक क्षेत्रों से भी जुड़ा हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि मेगा कॉरिडोर परियोजना के पूरा होने के बाद मंदिर परिसर का क्षेत्रफल 2.87 हेक्टेयर से बढ़ाकर 47 हेक्टेयर कर दिया जाएगा।
सिंहस्थ कुंभ में आए थे 70 मिलियन श्रद्धालु
हर 12 साल में होने वाले सिंहस्थ कुंभ के दौरान महाकालेश्वर मंदिर में भी भारी भीड़ होती है। उज्जैन में कुंभ आखिरी बार 2016 में आयोजित किया गया था। इस कुंभ में एक महीना में 70 मिलियन लोगों ने कुंभ व महाकाल का दर्शन किया था।
पीएम मोदी करेंगे मंगलवार को उद्घाटन
उज्जैन स्मार्ट सिटी के सीईओ आशीष कुमार पाठक ने बताया कि हर साल लगभग 1.5 करोड़ लोग मंदिर जाते हैं।'महाकाल लोक' के खुलने के बाद यह वार्षिक आंकड़ा दोगुना होकर लगभग तीन करोड़ होने की उम्मीद है। पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को महाकाल लोक का उद्घाटन करेंगे। वह, 856 करोड़ रुपये की महाकालेश्वर मंदिर गलियारा विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। महाकालेश्वर मंदिर, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित है।
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