सार

स्वच्छता सर्वे में नंबर-1 पॉजिशन पर आने वाले इंदौर ने लॉक डाउन में घोर लापरवाही का उदाहरण पेश किया है। इंदौर में पॉजिटिव मरीज तेजी से बढ़े हैं। वहीं कोरोना मरीजों के साथ हॉस्पिटल में अमानवीय बर्ताव की तस्वीरें भी सामने आई हैं।
 

इंदौर, मध्य प्रदेश. स्वच्छता सर्वे में नंबर-1 पॉजिशन पर आने वाले इंदौर ने लॉक डाउन में घोर लापरवाही का उदाहरण पेश किया है। इंदौर में पॉजिटिव मरीज तेजी से बढ़े हैं। वहीं कोरोना मरीजों के साथ हॉस्पिटल में अमानवीय बर्ताव की तस्वीरें भी सामने आई हैं। इंदौर शहर देश के 16 कोरोना हॉटस्पॉट में शामिल हो गया है। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने भी माना कि इंदौर में अकेले 200 तक जा सकता है संक्रमित मरीजो का आंकड़ा। इस बीच इंदौर में कोरोना से निपटने के इंतजामों की शर्मनाक तस्वीर भी सामने आई है। यह तस्वीर है एमआर टीबी हॉस्पिटल की, जिसे रेड जोन घोषित किया गया है। यहां भर्ती कोरोना मरीजों के साथ अमानवीय बर्ताव करने का मामला सामने आया है।

अचानक संक्रमित शहरों की सूची में शामिल हुआ इंदौर..
इंदौर प्रशासन के लिए यह बेहद शर्मनाक बात है कि 24 मार्च तक इंदौर शहर संक्रमण से मुक्त था। लेकिन अब यह देश में 8वें नंबर पर आ चुका है। बावजूद प्रशासन लापरवाह बना हुआ है। एमआर टीबी हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है। तस्वीर बयां करती है कि यह हॉस्पिटल खुद अव्यवस्थाओं के संक्रमण से जूझ रहा है।


बेड पर गंदगी..नीचे यूरिन...
हॉस्पिटल में भर्ती 70 साल की इस महिला की स्थिति की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। उसका बेड बहुत गंदा मिला। वहीं, बेड के नीचे यूरिन फैला हुआ था। उसकी देखभाल करने वाला कोई मौजूद नहीं था। इस महिला को रविवार रात ही सुयश हॉस्पिटल से यहां भर्ती कराया गया था। महिला ने बताया कि प्राइवेट हॉस्पिटल में वो खुद को दुरुस्त महसूस कर रही थी, लेकिन इस सरकार हॉस्पिटल में आकर उसकी तबीयत और बिगड़ने लगी। साफ-सफाई तो दूर..महिला को पानी तक देने वाला कोई नहीं था।

यही कहना था इस हॉस्पिटल के बाकी मरीजों का। वे बोले कि कर्मचारियों से कहो तो वे नहीं सुनते। अगर ज्यादा कहो, तो वो डांटने लगते हैं।