सार
राज्य में विधानसभा चुनाव 21 अक्टूबर को हुए थे और परिणाम की घोषणा 24 अक्टूबर को हुई थी। इसमें भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और उसकी सहयोगी शिवसेना को 56 सीटें मिली थी।
मुंबई. महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर हलचल तेज हो गई है। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचे, वहीं दूसरी तरफ शिवसेना नेता संजय राउत, शरद पवार से मिलने उनके आवास पर पहुंचे हैं। इस बीच राकांपा ने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य को राष्ट्रपति शासन की दिशा में ले जा रही है और इस राज्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के जरिए चलाना चाहती है। राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की जनता राज्य के इस ‘अपमान’ को बर्दाश्त नहीं करेगी।
24 अक्टूबर को आए थे चुनावी नतीजे, अब तक नहीं बन पाई है सरकार
नवाब मलिक ने कहा कि इतिहास गवाह है कि राज्य ने कभी भी ‘दिल्ली के तख्त’ के आगे घुटने नहीं टेके। राज्य में विधानसभा चुनाव 21 अक्टूबर को हुए थे और परिणाम की घोषणा 24 अक्टूबर को हुई थी। इसमें भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और उसकी सहयोगी शिवसेना को 56 सीटें मिली थी। इन दोनों में से किसी भी दल ने एक साथ या अलग-अलग सरकार गठन का दावा पेश नहीं किया है।
मलिक ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा महाराष्ट्र को दिल्ली से मोदी और शाह के जरिए चलाना चाहती है, इसीलिए वह राज्य को राष्ट्रपति शासन लगाने की दिशा में ले जा रही है। लोग महाराष्ट्र का यह अपमान सहन नहीं करेंगे।’’ चुनाव में राकांपा को 54 सीटें और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थी।
सरकार गठन के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)