सार
आरोपी मयंक के वकील संदीप शेरखाने ने बताया कि पुलिस हिरासत खत्म होने पर श्वेता को अदालत में पेश किया गया था, जबकि कोरोना पॉजिटिव होने के कारण मयंक को पेश नहीं किया जा सका।
मुंबई। बुली बाई ऐप केस में कोर्ट ने आरोपी श्वेता सिंह और मयंक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। आरोपी मयंक के वकील संदीप शेरखाने ने बताया कि पुलिस हिरासत खत्म होने पर श्वेता को अदालत में पेश किया गया था, जबकि कोरोना पॉजिटिव होने के कारण मयंक को पेश नहीं किया जा सका। श्वेता सिंह और मयंक ने बांद्रा कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। उसी पर अब सोमवार (17 जनवरी) को सुनवाई होगी। बता दें कि श्वेता और मयंक उत्तराखंड के रहने वाले हैं और दोनों को मुंबई पुलिस ने उनके घर पर दबिश देकर गिरफ्तार किया था। श्वेता 12वीं पास है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है।
बता दें कि इससे पहले आरोपी श्वेता सिंह और मयंक रावल को अदालत ने 14 जनवरी तक के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा था बांद्रा की एक अदालत इस मामले में सुनवाई कर रही है। दोनों आरोपियों को मुंबई पुलिस की साइबर सेल पूछताछ कर रही थी। पुलिस का दावा है कि इन आरोपियों से पूछताछ के बाद इस एप केस से जुड़े कई और राज खुल सकते हैं। इस एप का मास्टरमाइंड कहा जाने वाला नीरज बिश्नोई फिलहाल दिल्ली पुलिस के पास रिमांड पर है। दोनों ही राज्यों की पुलिस इस मामले को सुलझाने की कोशिश में लगी हैं। दिल्ली पुलिस की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद मुंबई पुलिस की साइबर सेल बिश्नोई की हिरासत मांगेगी।
इंदौर का ओमकारेश्वर निकला मास्टरमाइंड
इस मामले में पुलिस ने सबसे पहले 21 साल के इंजीनियरिंग छात्र विशाल कुमार झा को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। उसके बाद उत्तराखंड के रुद्रपुर से 19 साल की श्वेता सिंह, 21 साल के मयंक रावल को गिरफ्तार किया। बाद में दिल्ली पुलिस ने सीहोर में पढ़ने वाले नीरज बिश्नोई को पकड़ा और फिर 26 साल के इंदौर के ओमकारेश्वर सिंह ठाकुर को गिरफ्तार किया गया। ओकारेश्वर ने ही 'सुल्ली डील्स' नाम से ऐप तैयार की थी। ठाकुर ने पूछताछ में बताया कि ऐप मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने के इरादे से बनाई गई थी। दिल्ली पुलिस ने ठाकुर के सभी गैजेट्स जब्त कर इनवेस्टिगेशन के लिए भेज दिए हैं। मुंबई पुलिस के मुताबिक, श्वेता सिंह ने ऐप का ट्विटर अकाउंट बनाया था।