सार

पालनपुर (गुजरात). लॉकडाउन में मजूदरों की जिंदगी ठहर सी गई है। इस मुश्किल घड़ी में जब श्रमिकों की रोटी पर आफत टूटा तो वह अपने गांव की और चल पड़े। आंखों में आंसू लिए नंगे पैर हाजरों किलोमीटर का सफर पैदल तय कर रहे हैं। इस दौरान देश के कई हिस्सों से मर्मिक तस्वीरें सामने आ रहीं हैं। ऐसी ही एक तस्वीर गुजारात से सामने आई है, जो भूख की विवशता दिखा रही है।
 


पालनपुर (गुजरात). लॉकडाउन में मजूदरों की जिंदगी ठहर सी गई है। इस मुश्किल घड़ी में जब श्रमिकों की रोटी पर आफत टूटा तो वह अपने गांव की और चल पड़े। आंखों में आंसू लिए नंगे पैर हाजरों किलोमीटर का सफर पैदल तय कर रहे हैं। इस दौरान देश के कई हिस्सों से मर्मिक तस्वीरें सामने आ रहीं हैं। ऐसी ही एक तस्वीर गुजारात से सामने आई है, जो भूख की विवशता दिखा रही है।

एक प्लेट खाना पर ऐसे टूट पड़े मजदूर
दरअसल, मजदूरों के बेबसी की यह तस्वीर गुजरात के पालनपुर शहर की है। जहां लॉकडाउन के चलते काम धंधा बंद हो जाने के बाद तीनों युवक पांच दिन पहले अपने घर राजस्थान जाने के लिए पैदल निकले थे। यह तीनों मुंबई की एक मिठाई बनाने वाली फैक्टरी में मजदूरी करते हैं। बुधवार को पालनपुर पहुंचे तो यहां की पुलिस ने उनको एक प्लेट खाना दिया तो वह तीनों उस पर ऐसे टूट पड़े जैसे वह कई दिनों से भूखें हैं।

खाली पेट भूल गया क्या होती है सोशल डिस्टेंसिंग
भूख से तड़पते जब इन मजदूर के सामने खाने की प्लेट आई तो वह इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग भी भूल गए। खाली पेट जब होता है तो कुछ पता नहीं रहता है। इसके आगे इंसान सब भूल जाता है।

पता नहीं और भगवान कैसे दिन दिखाएगा
तीनों में आलोक नाम के युवक ने बताया कि सोचा नहीं था कि कभी ऐसे दिन भी देखने को मिलेंगे। अब लगता है कि जीवन का बुरा वक्त शुरू हो गया है। सोचिए जरा आज एक प्लेट खाना खाने के तीनों मजबूर हैं। पता नहीं और भगवान कैसे दिन दिखाएगा।