सार

2019 के विधानसभा चुनाव के बाद जब शिवसेना भाजपा से अलग हुई तब उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुना था। सीएम भी रेस भी भी उनका नाम सबसे आगे था। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार पर संकट के बादल दिखाई दे रहे हैं।

मुंबई. महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार पर संकट के बादल दिखाई दे रहे हैं। उनके करीबी और शिवसेना के सबसे वफादार शिवसैनिक माने जाने वाले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) करीब 25 विधायकों के साथ गुजरात चले गए हैं। मुख्यमंत्री से भी उनका संपर्क नहीं हो रहा है। हालांकि इस बीच शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत (Sanjay Raut) ने दावा किया है कि शिवसेना के कई विधायक गुजरात के सूरत में हैं। वो जल्द ही वापस आ जाएंगे। इससे पहले भी बीजेपी ने महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की थी लेकिन वो इससे सफल नहीं हो पाई है। लेकिन बड़ी बात ये है कि आखिर मातोश्री के वफादार कहे जाने वाले एकनाथ शिंदे की नाराजगी की वजह क्या है?

सबसे तातकवर शिवसैनिक
एकनाथ शिंदे के ठाकरे परिवार के बाद सबसे ताकतवर शिवसैनिक माना जाता है। 1980 में शिवसैनिक बने एकनाथ शिंदे लगातार चार बार से ठाणे की कोपरी-पांचपखाडी सीट से विधायक हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद जब शिवसेना भाजपा से अलग हुई तब उद्धव ठाकरे ने उन्हें विधायक दल का नेता चुना था। सीएम भी रेस भी भी उनका नाम सबसे आगे था। लेकिन बाद में एनसीपी और कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने पर सहमति जताई थी। एकनाथ के पास अभी नगर विकास मंत्रालय है।

क्यों नाराज हैं शिंदे
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एकनाथ शिंदे की नाराजगी शिवसेना के शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ गठबंधन में शामिल कांग्रेस और एनसीपी से भी है। एकनाथ शिंदे इससे पहले भी कई बार शिवसेना के शीर्ष नेतृत्व से अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। वो पार्टी में लगातार हो रही अपनी उपेक्षा के कारण नाराज बताए जा रहे हैं। शिंद समर्थक कई विधायक भी उनके साथ गुजरात पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि उनके संपर्क में कांग्रेस और एनसीपी के विधायक हैं। हालांकि अभी तक गुजरात पहुंचे सभी विधायकों के नाम सामने नहीं आए हैं। 

क्या है महाराष्ट्र में सरकार बनाने का समीकरण
महाविकास अघाडी सरकार को कुल 169 विधायकों का समर्थन है। शिवसेना के 56, एनसीपी के 53, कांग्रेस के 44, बहुजन विकास अघाडी के 3, सपा के 2 और अन्य के 11 विधायक सरकार के साथ हैं। बीजेपी और उसके सहयोगियों के पास 113 विधायक हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 145 है।

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