सार

Maharashtra Political Crisis महाराष्ट्र का पॉलिटिकल ड्रामा अब कोर्ट तक पहुंच चुका है। अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद अब बागियों के पक्ष से एक पीआईएल हाईकोर्ट में दाखिल कर उद्धव ठाकरे व संजय राउत को शिंदे के खिलाफ बयान देने से रोकने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने कहा कि बागी डर की वजह से असम में रह रहे हैं। 

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे व शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के खिलाफ देशद्रोह और सार्वजनिक शांति भंग करने का केस दर्ज कराने के लिए हाईकोर्ट में अपील की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता ने बागी विधायकों के समर्थन में बांबे हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य व संजय राउत पर शिंदे के खिलाफ बयान देने से रोके जाने की भी मांग की गई है। 
याचिका पुणे के सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत पाटिल ने दायर की है। पाटिल ने कहा कि कोर्ट असंतुष्ट विधायकों का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे के खिलाफ कोई और बयान देने से रोकें। याचिका में दावा किया गया है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के कई विधायकों के विद्रोह के बाद, महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं और उनके खिलाफ मौखिक हमले किए गए हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि शिवसेना के बागी विधायक, असम में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे व संजय राउत के डर से डेरा डाले हुए हैं। वह इनकी धमकियों से डरे हुए हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि संजय राउत ने सभी 40 विधायकों को धमकी देते हुए कहा है कि उनके शव असम से आएंगे और पोस्टमॉर्टम के लिए सीधे मुर्दाघर भेजे जाएंगे। इस तरह ये सभी महाराष्ट्र राज्य में दंगे और हिंसा की स्थिति पैदा कर रहे हैं।

महाराष्ट्र की राजनीति में क्यों मचा है उथलपुथल

दरअसल, बीते दिनों शिवसेना के सीनियर लीडर एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी। वह कई दर्जन विधायकों के साथ पहले सूरत पहुंचे। सियासी पारा चढ़ने के बाद शिंदे अपने विधायकों के साथ असम पहुंचे। यहां वह एक फाइव स्टार होटल में 40 से अधिक विधायकों के साथ डेरा डाले हुए हैं। शिंदे के पास शिवसेना के 40 बागियों व दस अन्य का समर्थन होने का दावा किया जा रहा है। शिंदे ने 24 जून की रात में वडोदरा में अमित शाह व देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने की संभावनाओं पर वह और बीजेपी के नेताओं ने बातचीत की है। हालांकि, चुपके से देर रात में हुई मुलाकात के बाद शिंदे, स्पेशल प्लेन से वापस गुवाहाटी पहुंच गए। 

उधर, शिंदे को पहले तो शिवसेना के नेताओं ने मनाने की कोशिश की लेकिन अब फ्लोर टेस्ट और कानूनी दांवपेंच चला जाने लगा है। दरअसल, शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे ने सारे बागियों को वापस आने और मिलकर फैसला करने का प्रस्ताव दिया। उद्धव ठाकरे की ओर से प्रवक्ता संजय राउत ने यह भी कहा कि अगर एनसीपी व कांग्रेस से बागी गुट चाहता है कि गठबंधन तोड़ा जाए तो विधायक आएं और उनके कहे अनुसार किया जाएगा। लेकिन सारे प्रस्तावों को दरकिनार कर जब बागी गुट बीजेपी के साथ सरकार बनाने का मंथन शुरू किया तो उद्धव गुट सख्त हो गया। इस पूरे प्रकरण में शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत मुखर होकर बागियों के खिलाफ मोर्चा लिए हुए हैं।

यह भी पढ़ें:

40 विधायकों के शव यहां आएंगे...सीधे पोस्टमॉर्टम के लिए मुर्दाघर भेजा जाएगा...पढ़िए संजय राउत का पूरा बयान

द्रौपदी राष्ट्रपति हैं तो पांडव कौन हैं? और कौरव...फिल्म निर्माता रामगोपाल वर्मा की विवादित ट्वीट से मचा बवाल