सार

राज ठाकरे ने अपने घर पर बिहार से आए एक अतिथि का स्वागत किया है। जदयू नेता और बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष देवेश चंद्र ठाकुर ने राज ठाकरे से मुलाकात की। इसके बाद नए राजनीतिक समीकरण को लेकर चर्चा का बाजार गर्म हो गया है।
 

मुंबई। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के बीच नए समीकरण बनाने पर काम तेज हो गया है। उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के मुंबई में काम करने का विरोध करने वाले महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने अपने घर पर एक बिहारी अतिथि का स्वागत किया है। इसके बाद नए राजनीतिक समीकरण पर अटकलें शुरू हो गईं हैं। 

जदयू नेता और हाल ही में बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष चुने गए देवेश चंद्र ठाकुर राज ठाकरे से मिलने मुंबई के दादर स्थित उनके आवास शिवतीर्थ गए थे। राज ठाकरे ने बिहार से आए गेस्ट का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस मौके पर राज और उनकी पत्नी शर्मिला ठाकरे ने ठाकुर का फूलों का गुलदस्ता दिया। 

राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों के खिलाफ नरम किया रुख
देवेश चंद्र ठाकुर के स्वागत की तस्वीर सामने आने के बाद तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। मनसे के गठन के बाद से ही राज ने मुंबई में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के आने का विरोध किया था। उनका कहना था कि बाहरी लोग आकर महाराष्ट्र के लोगों का रोजगार छीन रहे हैं। कुछ महीने पहले राज के अयोध्या दौरे का भाजपा के उत्तर प्रदेश सांसद बृजभूषण सिंह ने विरोध किया था। अब कहा जा रहा है कि राज ने अपना जनाधार बढ़ाने के लिए उत्तर भारतीयों के प्रति नरम रुख अपना लिया है।

यह भी पढ़ें- Money laundering case: 14 दिन बढ़ाई गई शिवसेना नेता संजय राउत की कस्टडी, 1 अगस्त को हुए थे अरेस्ट

कौन हैं देवेश चंद्र ठाकुर?
बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष देवेश चंद्र ठाकुर मूल रूप से बिहारी हैं, लेकिन महाराष्ट्र से उनका गहरा नाता है। उन्होंने पुणे और नासिक में पढ़ाई की थी। वह धाराप्रवाह मराठी बोल सकते हैं। ठाकुर पिछले 20 साल से बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार सभी विपक्षी दलों को एकसाथ लाने के अभियान पर काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर सभी विपक्षी पार्टियां एक साथ आ जाएं तो भाजपा को 50 सीटें भी नहीं मिलेंगी। देवेश चंद्र ठाकुर की राज ठाकरे से मुलाकात को इस एंगल से भी देखा जा रहा है।

यह भी पढ़ें- साइरस मिस्त्री की एक्सीडेंट में मौत: यदि सीट बेल्ट पहने होते, तो बच जाती जान, आनंद महिंद्रा ने खाई ये सौगंध