सार

बाल ठाकरे की राजनीतिक विरासत को उद्धव ठाकरे संभाल रहे हैं। 2019 में वह कांग्रेस व एनसीपी की मदद से मुख्यमंत्री भी बने थे। बाला साहेब ठाकरे के साथ एकजुट रहने वाला परिवार अब बिखरता नजर आ रहा है।

मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति के दशकों तक एकछत्र राज करने वाले ठाकरे परिवार में सबकुछ ठीकठाक नहीं है। बाला साहेब ठाकरे (Bala Saheb Thackeray) के साथ एकजुट रहने वाला परिवार अब बिखरता नजर आ रहा है। बाल ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे (Raj Thackeray) पहले से ही राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हो चुके थे। सत्ता गंवाने के बाद उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के परिवार के अन्य सदस्य भी मुंह मोड़ने लगे हैं। भतीजा निहार ठाकरे (Nihar Thackeray) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की है। शिंदे बीते दिनों ठाकरे परिवार की राजनीति को चुनौती देते हुए शिवसेना से बगावत किए थे और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। 

कौन हैं निहार ठाकरे?

निहार ठाकरे, उद्धव ठाकरे के भतीजे हैं। वह बाला साहेब ठाकरे के सबसे बड़े बेटे बिंदु माधव ठाकरे के बेटे हैं। निहार ठाकरे के पिता बिंदुमाधव ठाकरे की 1996 में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। बाल ठाकरे के तीन बेटों में सबसे बिंदु माधव ठाकरे थे, दो अन्य जयदेव ठाकरे और उद्धव ठाकरे हैं। वह फिल्म निर्माता थे और राजनीति में सक्रिय नहीं थे। उधर, जयदेव ठाकरे की पूर्व पत्नी स्मिता ठाकरे ने भी हाल ही में सीएम शिंदे से मुलाकात की थी। निहार ठाकरे पेशे से अधिवक्ता हैं। पिछले साल दिसंबर में बीजेपी नेता हर्षवर्धन पाटिल की बेटी अंकिता पाटिल से शादी की थी। हर्षवर्धन पाटिल कांग्रेस के पूर्व नेता हैं जो कई वर्षों तक मंत्री रहे।

परिवार की राजनीतिक विरासत संभाल रहे हैं उद्धव

दरअसल, बाल ठाकरे की राजनीतिक विरासत को उद्धव ठाकरे संभाल रहे हैं। 2019 में वह कांग्रेस व एनसीपी की मदद से मुख्यमंत्री भी बने थे। हालांकि, कई दशकों का बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने के बाद सत्ता में आने के लिए बीजेपी लगातार मौका की तलाश में थी। बीते महीने शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी। करीब 39 विधायकों के साथ बगावत करने वाले शिंदे ने ठाकरे परिवार पर गंभीर आरोप लगाए। लाख कोशिशों के बावजूद उद्धव ठाकरे स्थिति संभाल न सके और उनको मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस्तीफा देने के बाद भी उद्धव ठाकरे, बीजेपी व एकनाथ शिंदे पर धोखा देने का लगातार आरोप लगा रहे हैं।

इसी सप्ताह शिवसेना के मुखपत्र सामना में दिए गए अपने इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया। उन्होंने बीजेपी सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए। उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर अस्पताल में अस्वस्थ होने पर उन्हें मारने का आरोप लगाया और मुश्किल से चल पा रहे थे। 'सामना' में उन्होंने विद्रोहियों की तुलना एक पेड़ के सड़े हुए पत्तों से की थी। उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मेरी सरकार चली गई, मुख्यमंत्री का पद चला गया, मुझे कोई पछतावा नहीं है। लेकिन मेरे अपने लोग देशद्रोही निकले। जब मैं अपनी सर्जरी से उबर रहा था तो वे मेरी सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे थे। 

बता दें कि टीम शिंदे और उद्धव ग्रुप एक दूसरे के खिलाफ कोर्ट में कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं। दोनों शिवसेना पर एकाधिकार के लिए सड़क और कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में ठाकरे परिवार के सदस्यों का शिंदे से मुलाकात कई मायने में सबकुछ ठीकठाक नहीं होने का संकेत दे रहा है।

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