सार
कोच्चि में आईएनएस विक्रांत पर एक 19 वर्षीय नाविक का शव लटका हुआ पाया गया है। माना जा रहा है कि युवक ने आत्महत्या की होगी। फिलहाल मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
INS Vikrant Kochi. कोच्चि में भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस विक्रांत पर एक 19 वर्षीय नाविक का संदिग्ध हालत में लटकता हुआ शव पाया गया है। यह नाविक अग्निवीर नहीं था बल्कि नौसेना का रेगुलर कैडर था। इस शव युद्धपोत के डिब्बे पर लटका हुआ पाया गया है। नौसेना ने इसे बहुत ही दुखद बताया है और इसके पीछे के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। मामले की गहन जांत के आदेश दे दिए गए हैं।
घटना से नौसेना में दुख का माहौल
आईएनएस विक्रांत पर नौसेना के नाविक का शव मिलने से नौसेना के अधिकारी भी दुखी हैं। यह हृदय विदारक घटना सशस्त्र बलों में सेवारत बहादुर पुरुषों और महिलाओं की जरूरतों को पूरा करने के महत्व को भी दर्शाती है। भारत अपनी नौसैनिक क्षमताओं में लगातार प्रगति कर रहा है, इसलिए उन लोगों की भलाई और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आवश्यक है जो निस्वार्थ भाव से देश की रक्षा के लिए खुद को समर्पित करते हैं। आईएनएस विक्रांत पर हुई दुखद घटना सशस्त्र बलों में सेवारत कर्मियों के सामने आने वाली भावनात्मक चुनौतियों को सामने रखती है। नौसेना ने मामले की गंभीर जांच करने की पहल की है। यह नौसेना की उसके समर्पित नाविकों के कल्याण से जुड़ी चिंताओं को समझने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
क्या है आईएनएस विक्रांत
कोचीन शिपयार्ड में तैयार किया गया आईएनएस विक्रांत इंजीनियरिंग का लाजवाब नमूना है, जिसे करीब 20,000 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। इसका वजन 45,000 टन है और यह भारतीय नौसेना की प्रौद्योगिकी शक्ति का प्रतीक भी है। इस तरह के युद्धपोत विशेषतौर पर अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन जैसे देशों के पास ही हैं। इस विमान वाहक पोत का नाम इसके पूर्ववर्ती आईएनएस विक्रांत के सम्मान में ही रखा गया है। जिसने 1961 से 1997 तक नौसेना की सेवा की थी। आईएनएस विक्रांत की लंबाई में 262 मीटर और 61 मीटर की ऊंचाई के साथ यह 12,500 वर्ग मीटर का विशाल उड़ान डेक रखता है। इसका आकार करीब 10 ओलंपिक स्विमिंग पूल के बराबर है। यह 28 समुद्री मील की अधिकतम गति तक पहुंच सकता है और 7,500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है।
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