सार
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही का आज यानी शुक्रवार को यह पांचवा दिन है जब दिल्ली हिंसा को लेकर सांसदों का विरोध जारी है। जिसकी वजह से संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी। वहीं, लोकसभा में बयान देते हुए नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अपने ही सांसदों को जेबकतरा बता दिया है।
नई दिल्ली. बजट सत्र 2020-21 के दूसरे चरण के लिए संसद की कार्यवाही 2 मार्च से जारी है। दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस सांसदों के विरोध को दौर जारी है। आज यानी शुक्रवार को यह पांचवा दिन है जब सांसदों का विरोध जारी है। जिसकी वजह से संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी। वहीं, बुधवार को स्पीकर द्वारा 7 सांसदों को निलंबित किए जाने के बाद कांग्रेस का विरोध और चरम पर पहुंच गया। इस दौरान लोकसभा में बयान देते हुए नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अपने ही सांसदों को जेबकटुआ कह दिया।
लोकसभा से कांग्रेस के 7 सांसदों के निलंबन को वापस लिए जाने की मांग करते हुए सदन में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को कहा, 'जेबकटुवा को फांसी के तख्ते पर नहीं चढ़ाया जा सकता।' चौधरी ने यह भी कहा कि कांग्रेस के सदस्य आसन को 'पॉप ऑफ द वेटिकन' की तरह सम्मान देते हैं और उन्होंने कभी आसन का अनादर नहीं किया है।
'जेबकटुवा को फांसी के तख्त पर नहीं चढ़ाया जा सकता'
कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी के 7 सदस्यों को एक साथ बाकी सत्र के लिए निलंबित किए जाने का कोई आधार नजर नहीं आता। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान अन्य विपक्षी सदस्य भी थे लेकिन कारण पता नहीं है कि किस आधार पर कांग्रेस के सातों सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। यह छोटी बात नहीं है। चौधरी ने कहा, 'जेबकटुवा को फांसी के तख्त पर नहीं चढ़ाया जा सकता।'
यूपीए सरकार में निलंबित किए गए थे 45 सांसदः जोशी
इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने चौधरी के बयान के संदर्भ में कहा, 'निलंबित सदस्यों की तुलना जेबकतरों से करना उचित नहीं लगता। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम इससे असहमत हैं।' कांग्रेस सदस्यों के निलंबन को उचित ठहराते हुए जोशी ने कहा कि जब BJP विपक्ष में थी तो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी हमेशा सदस्यों को आसन का अनादर करने वाली किसी भी बात से रोकते थे।
जिसके बाद कांग्रेसी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री ने किताब निकालकर नियम पढ़ते हुए कहा कि यूपीए सरकार के समय बीजेपी के 45 सदस्यों को चालू सत्र की पूरी शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया था। 2007 से 2010 के बीच कांग्रेस ने हंगामे के बीच 18 विधेयक पारित कराए थे।
इन सांसदों को किया गया निलंबित
लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस पार्टी के 7 सांसदों को पूरे संसद सत्र के लिए निलंबित किया है। कांग्रेस के इन सदस्यों में गौरव गोगोई, टी एन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला शामिल हैं।
बदतमीजी के कारण किया निलंबित
दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग पर अड़े कांग्रेसी सांसद लगातार विरोध कर रहे हैं। इन सब के बीच मंगलवार को कांग्रेसी सांसदों ने स्पीकर ओम बिड़ला के सामने ही महिला सांसद से धक्का-मुक्की की। इसके साथ ही स्पीकर की आसन के तरफ कागज फेंके। जिससे स्पीकर नाराज हो गए। इसके बाद स्पीकर ने आसन से व्यवस्था देते हुए किसी भी सांसद को अपना एरिया क्रॉस न करने की हिदायत दी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि किसी ने गलत व्यवहार किया तो उसे पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दूंगा।