सार

भारत ने अपने पहले सोलर मिशन आदित्य एल1 (Aditya L1 Solar Mission) की सफल लांचिंग कर दी है। चंद्रयान मिशन की सफलता के कुछ ही दिनों बाद भारत की यह उपलब्धि शानदार मानी जा रही है।

Aditya L1 Solar Mission. भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य एल1 सफलतापूर्वक लांच कर दिया गया है। करीब 125 दिनों तक लगातार सफर करने के बाद यह स्पेस क्राफ्ट अपने नियत स्थान पर पहुंच जाएगा। इसके बाद वह इसरो को डाटा भेजना शुरू कर देगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सफलता के पीछे मुख्य किरदार कौन हैं। हम आपको ऐसे ही साइंटिस्ट की जानकारी दे रहे हैं, जिन्होंने न सिर्फ सोलर मिशन में बड़ा योगदान दिया है बल्कि वे चंद्रयान की सफलता से भी जुड़े रहे हैं।

कब लांच किया गया आदित्य एल1

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने सूर्य की वैज्ञानिक खोज, अंतरिक्ष के मौसम का हाल और कई तरह की वैज्ञानिक अध्ययन के लिए आदित्य एल1 की सफल लांचिंग की है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से 2 सितंबर 2023 को दिन में 11.50 बजे यह लांचिंग की गई। यह अंतरिक्ष यान करीब 125 दिनों की जर्नी के बाद एल1 प्वाइंट पर पहुंचेगा। जहां से वह प्रतिदिन 1440 तस्वीरें इसरो के डाटा सेंटर को भेजेगा।

 

 

आदित्य एल1 की सफलता के पीछे डॉ. शंकर सुब्रमण्यम

आदित्य एल1 सोलर मिशन का नेतृत्व इसरो के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. शंकर सुब्रमण्यम ने किया है। वे इसरो के कई खास मिशनों में शामिल रहे हैं और अपने अनुभव से मिशन को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। डॉ. सुब्रमण्यम ने भारत के चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 में भी बड़ी भूमिकाएं निभाई हैं। 

भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य एल1

आदित्य एल1 भारत का पहला सोलर मिशन है। भारत ने पहली बार अंतरिक्ष में सूर्य का अध्ययन करने के लिए सैटेलाइट लांच किया है। अभी तक बहुत ही कम देशों ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए सैटेलाइट भेजे हैं। इनमें अमेरिका, जापान सहित कुछ यूरोपिय देश शामिल हैं। अभी तक जो भी मिशन लांच किए गए हैं, उनका लाइफ स्पैम समाप्त होने वाला है, इसलिए अब पूरी दुनिया इसरो की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रही है।

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