सार

श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट खत्म हो चुका है। बता दें कि दिल्ली में रोहिणी स्थित अंबेडकर हॉस्पिटल में उसका नार्को टेस्ट कराया गया। टेस्ट के बाद फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीव गुप्ता के मुताबिक, नार्को टेस्ट में भी आफताब ने श्रद्धा के कत्ल की बात कबूल कर ली है।

Shraddha Murder Case: श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट खत्म हो चुका है। बता दें कि दिल्ली में रोहिणी स्थित अंबेडकर हॉस्पिटल में उसका नार्को टेस्ट कराया गया। टेस्ट के बाद फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीव गुप्ता के मुताबिक, नार्को टेस्ट में भी आफताब ने श्रद्धा के कत्ल की बात कबूल कर ली है। इतना ही नहीं, उसने इस बात का भी खुलासा किया है कि हत्या के बाद उसने श्रद्धा के कपड़े और मोबाल कहां फेंके हैं। माना जा रहा है कि अब दिल्ली पुलिस एक बार फिर आफताब की बताई जगहों पर सबूत तलाशने जा सकती है। 

करीब 2 घंटे तक चला नार्को टेस्ट : 
FSL के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीव गुप्ता ने बताया कि आफताब का नार्को टेस्ट करीब दो घंटे तक चला। नार्को टेस्ट के बाद उसका एक पोस्ट टेस्ट भी होगा, जिसमें काउंसलिंग की जाएगी। बता दें कि इससे पहले आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था, जिसमें उसके 6 सेशन लिए गए थे। कहा जा रहा है कि अगर पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट के बाद भी इस केस में कोई नतीजा नहीं निकलता है तो आफताब का ब्रेन मैपिंग टेस्ट भी कराया जा सकता है। इसके लिए पुलिस जल्द ही कोर्ट से परमिशन लेगी। 

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कितनी है आफताब के कबूलनामे की कानूनी वैधता?
कानून से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि आफताब ने भले ही नार्को टेस्ट में श्रद्धा की हत्या की बात कबूल कर ली है, लेकिन इसे कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता। हालांकि, पॉलीग्राफी और नार्को टेस्ट के बाद पुलिस को आफताब के खिलाफ कुछ और सबूत जुटाने में मदद मिल सकती है। कहा जा रहा है कि अगर पुलिस आफताब की बताई जगह से श्रद्धा का मोबाइल और कपड़े ढूंढ लेती है, तो इस केस में पुलिस के हाथ एक बड़ी कामयाबी लग जाएगी। 

क्या है नार्को टेस्ट?
नार्को टेस्ट (Narco Test) किसी खूंखार अपराधी से सच उगलवाने के लिए अपनाई जाने वाली प्रॉसेस है। इसमें अपराधी को 'ट्रुथ सीरम' नाम से आने वाली साइकोएक्टिव दवा इंजेक्शन के रूप में दी जाती है। इसमें सोडियम पेंटोथोल, स्कोपोलामाइन और सोडियम अमाइटल जैसी दवाएं होती हैं। ये दवा खून में पहुंचते ही वो शख्स को अर्धचेतना में पहुंच देती है। इसके जरिए किसी के भी नर्वस सिस्टम में घुसकर उसकी हिचक खत्म कर दी जाती है, जिसके बाद वो शख्स स्वाभविक रूप से सच बोलने लगता है।

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क्या है पूरा मामला?
आफताब ने 18 मई, 2022 की रात 10 बजे दिल्ली के महरौली स्थित एक फ्लैट में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद उसने लाश के 35 टुकड़े किए और उन्हें एक फ्रिज में रख दिया। बाद में वो ये टुकड़े महरौली के जंगल में अलग-अलग जगहों पर फेंकता रहा। ऐसा उसने 18 रातों तक किया। बता दें कि श्रद्धा से आफताब की पहली मुलाकात मुंबई में एक डेटिंग ऐप के जरिए हुई थी। इसके बाद दोनों करीब आए और कुछ महीनों बाद लिव-इन में रहने लगे। हालांकि, मार्च 2022 में वो श्रद्धा को लेकर दिल्ली चला आया, जहां उसने श्रद्धा का कत्ल कर दिया। 

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