अहमदाबाद साबरमती सेंट्रल जेल में राइसिन आतंकी साजिश के आरोपी सैयद जिलानी पर तीन कैदियों ने “देशभक्ति” के नाम पर हमला किया। गिरफ्तारी के एक दिन बाद हुए इस हमले में आरोपी घायल हुआ। जेल प्रशासन ने जांच शुरू की और सुरक्षा बढ़ा दी है।  

अहमदाबाद। गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां राइसिन आतंकी साजिश में गिरफ्तार किए गए सैयद अहमद मोहिउद्दीन अब्दुल कादर जिलानी पर मंगलवार को तीन कैदियों ने मिलकर हमला कर दिया। कहा जा रहा है कि यह हमला कैदियों द्वारा “देशभक्ति दिखाने” के नाम पर किया गया। लेकिन क्या सच में यह सिर्फ देशभक्ति थी, या इसके पीछे कुछ और कहानी छुपी है? यही सवाल अब सोशल मीडिया से लेकर सुरक्षा एजेंसियों तक चर्चा में है।

राइसिन आतंकी साजिश क्या है और आरोपी पर इतना गुस्सा क्यों?

पिछले हफ्ते गुजरात ATS ने जिलानी को गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप है कि वह अरंडी के बीज से निकाले जाने वाले घातक रसायन "राइसिन" का उपयोग कर आतंकी हमला करने की योजना बना रहा था। राइसिन इतना खतरनाक ज़हर है कि इसकी कुछ मात्रा भी इंसान की जान ले सकती है। इसी वजह से आरोपी के जेल में पहुंचते ही माहौल पहले से ही तनावपूर्ण था। एक दिन पहले यानि सोमवार को ही उसे साबरमती सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया, और सिर्फ 24 घंटे बाद हमला हो गया।

जेल में क्या हुआ? हमले का पूरा घटनाक्रम

जेल अधिकारियों के अनुसार हमला तीन कैदियों ने मिलकर किया। इनमें से एक की पहचान अमराईवाड़ी निवासी नीलेश शर्मा के रूप में हुई। आरोपियों ने जिलानी के चेहरे पर कई घूंसे मारे। उसकी आंख और नाक पर चोट आई। अचानक हुई मारपीट के बाद अन्य कैदी बीच में आए और उसे बचाया। तुरंत उसे जेल डिस्पेंसरी ले जाया गया। हमले के बाद सबसे दिलचस्प बात यह रही कि जिलानी अपने हमलावरों को पहचान ही नहीं पाया। जेल अधिकारी इस पर भी जांच कर रहे हैं कि क्या हमला पहले से प्लान था।

क्या हमला ‘देशभक्ति’ दिखाने के लिए किया गया?

अधिकारियों के बयान के अनुसार, युवा कैदी नीलेश शर्मा ने कहा कि उसने और उसके साथियों ने हमला इसलिए किया क्योंकि “देश के दुश्मन को सबक सिखाना जरूरी था।” यह बयान सामने आते ही सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई कि क्या कैदी खुद न्याय करने लगे हैं? क्या जेल प्रशासन ने सुरक्षा को हल्के में लिया? क्या आरोपी को खतरे की जानकारी पहले से थी? ये सवाल अब सुरक्षा एजेंसियों के सामने चुनौती बनकर खड़े हैं।

आरोपी कौन है और क्यों खतरनाक माना जा रहा है?

जिलानी पर आरोप है कि वह राइसिन तैयार करने की साजिश में शामिल था। अरंडी के बीजों से इस घातक ज़हर को निकालने की कोशिश कर रहा था। किसी बड़े हमले की प्लानिंग कर रहा था। राइसिन को बायोलॉजिकल वेपन माना जाता है। इसका इस्तेमाल दुनिया में कई बार आतंकी संगठनों द्वारा करने की कोशिश की गई। इसी वजह से उसकी गिरफ्तारी को ATS ने बड़ी सफलता बताया था।

आगे क्या होगा? जेल प्रशासन की कार्रवाई पर सबकी नजर

हमले के बाद तीनों कैदियों से पूछताछ शुरू हो गई है और जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आरोपी जिलानी को सुरक्षा कारणों से अलग बैरक में रखने पर विचार किया जा रहा है। जांच यह पता लगाएगी कि यह हमला सिर्फ भावनात्मक प्रतिक्रिया थी या किसी अंदरूनी उकसावे या निर्देश का नतीजा। पुलिस निरीक्षक केवाई व्यास ने कहा, "... एटीएस केस रजिस्टर संख्या 10/2025 में तीन आरोपी अहमद मोहिउद्दीन अब्दुल कादिर जिलानी, आज़ाद और मोहम्मद सलीम शामिल थे। तीनों को साबरमती सेंट्रल जेल भेज दिया गया। 18 नवंबर की सुबह, जिलानी पर एक साथी कैदी ने हमला किया, जिससे उसकी आंख में चोट लग गई। उसे चिकित्सा सहायता दी गई और बाद में सिविल अस्पताल भेज दिया गया। प्राथमिक जांच से पता चला है कि हमले में अनिल कुमार, शिवम शर्मा और एक अन्य व्यक्ति शामिल थे। आगे की जांच जारी है।"