सार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) सुरक्षा व्यवस्था की जमीनी स्थिति जानने के लिए शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर जाएंगे। वह राजौरी में आतंकी हमलों में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलेंगे।
 

जम्मू। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की यात्रा करेंगे। वह राजौरी जिले में सुरक्षा व्यवस्था की जमीनी स्थिति की समीक्षा करेंगे। इसी महीने दो आतंकी हमले में अल्पसंख्यक समाज के सात लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने राजौरी में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने का फैसला किया था। अमित शाह आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलेंगे। 

अपनी यात्रा के दौरान अमित शाह जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा बलों के बड़े अधिकारियों से भी मिलेंगे। वह जम्मू में राजभवन में कई प्रतिनिधिमंडलों से भी मुलाकात करेंगे। 2 जनवरी को डांगरी इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय के तीन घरों में घुसकर आतंकवादियों ने फायरिंग की थी। इस हमले में पांच लोग मारे गए थे। तीन जनवरी को आतंकी हमले के खिलाफ लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तभी आतंकियों द्वारा लगाए गए आईईडी में धमाका हो गया। धमाके की चपेट में आकर दो बच्चों की मौत हो गई थी और छह लोग घायल हो गए थे। 

गृह मंत्री का कार्यक्रम

  • सुबह 11.15 बजे जम्मू पहुंचेंगे।
  •  11.30 बजे हेलिकॉप्टर से राजौरी जाएंगे। 
  • दोपहर 12 बजे राजौरी पहुंचेंगे और धंगरी जाकर आतंकी हमलों की जगह का निरीक्षण करेंगे। वह पीड़ित परिजनों से बातचीत करेंगे।
  • दोपहर 1.30 बजे जम्मू लौटेंगे। 
  • दोपहर 2 बजे जम्मू स्थित राजभवन में नागरिक प्रशासन और सुरक्षा बलों के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। वह कुछ प्रतिनिधिमंडलों से भी मिल सकते हैं।
  •  शाम 4 बजे के आसपास दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। 

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जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को लेकर अमित शाह ने की थी बैठक
गौरतलब है कि दिसंबर 2022 में अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को लेकर हाई लेवल बैठक की थी। बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, गृह सचिव, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक, खुफिया विभाग के प्रमुख और रॉ के साथ-साथ गृह मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे। सीआरपीएफ ने राजौरी और पुंछ में अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है। आतंकवादी हमलों के बाद सुरक्षा को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय में भारी गुस्सा है।

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