आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में सरकारी स्कूल की टीचर वाई सुजाता का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह छात्राओं से पैर दबवा रही थी। सरकारी नियमों के उल्लंघन पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने जांच शुरू कर दी है।

श्रीकाकुलम (Andhra Pradesh Crime News): आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम ज़िले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक सरकारी स्कूल की टीचर का ऐसा वीडियो वायरल हुआ है, जिसने पूरे राज्य में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस वीडियो में टीचर वाई सुजाता (V. Sujatha) क्लासरूम में कुर्सी पर आराम से पैर फैलाकर बैठी दिख रही हैं, जबकि दो नाबालिग छात्राएं उनके पैर दबा रही हैं। इस दौरान वह मोबाइल फोन पर बात करती भी नज़र आती हैं। वीडियो वायरल होते ही शिक्षा विभाग हरकत में आ गया और तुरंत कार्रवाई करते हुए टीचर को सस्पेंड (Teacher Suspended in Andhra Pradesh) कर दिया गया।

क्या स्कूल क्लासरूम बन गया निजी सेवा केंद्र?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर यह वीडियो वायरल होते ही लोग भड़क उठे। कई यूज़र्स ने सवाल किया, “क्या यही है गुरु-शिष्य की मर्यादा?” वीडियो में दिखा कि टीचर पूरी बेफिक्री से कुर्सी पर बैठी हैं और छात्राएं उनके पैरों को दबा रही हैं। पास में रखे मोबाइल फोन पर वे किसी से बात करती रहीं, जैसे कुछ हुआ ही न हो। अधिकारियों के अनुसार, यह वीडियो बंदपल्ली गांव के GTWAH स्कूल का है।

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टीचर वाई सुजाता के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

जैसे ही मामला सामने आया, शिक्षा विभाग (Education Department of Andhra Pradesh) ने जांच के बाद टीचर को तुरंत सस्पेंड कर दिया। सस्पेंशन ऑर्डर में कहा गया, “समीक्षा के बाद पाया गया कि टीचर वाई सुजाता ने छात्रों से अपने पैर दबवाकर और उनसे निजी काम करवाकर सरकारी नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है।” आदेश में यह भी कहा गया कि “क्लासरूम में इस तरह पैर फैलाकर बैठना और मोबाइल पर बात करना उनकी प्रोफेशनल ड्यूटी में घोर लापरवाही दिखाता है।”

पहली बार नहीं है यह हरकत

जांच अधिकारियों के मुताबिक, यह कोई पहली घटना नहीं थी। टीचर वाई सुजाता पहले भी कई बार बच्चों से निजी काम करवा चुकी थीं। हालांकि इस बार वीडियो वायरल होने के बाद मामला गंभीर हो गया और विभाग को तत्काल एक्शन लेना पड़ा।

लोगों की नाराजगी और शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया

घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर नाराजगी जताई। एक यूज़र ने लिखा, “जिस टीचर पर बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है, वो खुद उन्हें अपमानित कर रही है।” वहीं शिक्षा विभाग ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई शिक्षक ऐसा व्यवहार न करे।